देश की प्रमुख एयरलाइन कंपनी IndiGo इन दिनों लगातार संकटों से जूझ रही है। फ्लाइट कैंसिलेशन की समस्या के बीच अब कंपनी की पैरेंट फर्म इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड (InterGlobe Aviation) को बड़ा वित्तीय झटका लगा है। सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए कंपनी पर 58.74 करोड़ रुपये का GST पेनल्टी लगाया है। यह आदेश दिल्ली साउथ CGST विभाग द्वारा जारी किया गया है।
इंडिगो में लगातार उड़ानें रद्द होने और ऑपरेशनल गड़बड़ियों के चलते DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) पहले ही कड़ा रुख अपना चुका है। शुक्रवार को DGCA ने सुरक्षा और ऑपरेशंस से जुड़ी कमियों को देखते हुए चार फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टरों को निलंबित कर दिया। इसी बीच कंपनी पर लगा यह GST जुर्माना उसके संकट को और गहरा कर रहा है।
कंपनी ने कहा कि GST विभाग का आदेश गलत है, और वह इसे संबंधित अथॉरिटी के सामने चुनौती देगी। इंडिगो ने फाइलिंग में कहा कि टैक्स डिपार्टमेंट ने पेनल्टी के साथ GST की अतिरिक्त मांग भी उठाई है। कंपनी ने दावा किया है, कि उसके पास इस मामले में “मजबूत कानूनी आधार” है। कंपनी ने कहा कि विशेषज्ञों से परामर्श लिया गया है, और ऑर्डर के खिलाफ अपील की तैयारी की जा रही है।
फाइलिंग में कंपनी ने ये भी बताया कि इस जुर्माने का उड़ानों के संचालन और वित्तीय स्थिति पर कोई महत्वपूर्ण असर नहीं पड़ेगा। इंडिगो ने स्पष्ट किया है, कि GST पेनल्टी के बावजूद उसके नियमित कामकाज में किसी प्रकार की बाधा नहीं आएगी।
हालांकि एयरलाइन ने पेनल्टी के पीछे की डिटेल्स नहीं बताई हैं, लेकिन यह नोटिस एविएशन सेक्टर में फाइनेंशियल कम्प्लायंस की बड़ी जांच का हिस्सा है।हालांकि यह टाइमिंग अहम है। यह नोटिस ऐसे समय में आया है, जब एयरलाइन पहले से ही ऑपरेशन्स को स्टेबल करने के लिए स्ट्रगल कर रही है।
इंडिगो इन दिनों सरकारी वॉचडॉग DGCA की कड़ी निगरानी में है। 11 दिसंबर को DGCA के अधिकारी इंडिगो के ऑफिस पहुंचे और वहां के कामकाज, डॉक्यूमेंटेशन और ऑपरेशन को विस्तार से जांचा।
इंडिगो भारत के घरेलू एविएशन मार्केट के 60 परसेंट से ज़्यादा हिस्से को कंट्रोल करता है। पिछले 10 दिनों में एयरलाइन ने 1,000 से ज़्यादा फ़्लाइट्स कैंसिल की हैं, और देश भर में विमान सेवाओं में देरी हुई है। शुक्रवार को भी बेंगलुरु एयरपोर्ट पर 50 से ज़्यादा फ़्लाइट्स कैंसिल हुईं।
एयरलाइन का ऑपरेशनल संकट सीधे तौर पर 1 नवंबर को लागू हुए बदले हुए फ़्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों से जुड़ा है। ये नियम पायलटों के लिए ज़रूरी आराम के घंटे बढ़ाते हैं, रात की ड्यूटी पर रोक लगाते हैं। इंडिगो पर इसका बहुत ज़्यादा असर पड़ा है, रोस्टर की कमी और शेड्यूल में गड़बड़ी की वजह से लगातार इसकी फ्लाइट्स में देरी हो रही है।
इंटरनेशनल ब्रोकरेज मॉर्गन स्टेनली ने इंटरग्लोब एविएशन पर भी अपना आउटलुक शेयर किया है। ब्रोकरेज ने अपने F3Q कैपेसिटी ग्रोथ के अनुमान को पहले के के मुकाबले साल-दर-साल 'हाई सिंगल-डिजिट' से 'लो डबल-डिजिट ग्रोथ' कर दिया है। ब्रोकरेज को उम्मीद है, कि पैसेंजर यूनिट रेवेन्यू में नरमी आएगी, जो पहले अनुमानित फ्लैट से थोड़े पॉजिटिव ट्रेंड की तुलना में मिड-सिंगल-डिजिट गिरावट का अनुमान है।
मॉर्गन स्टैनले ने नोट किया कि कंपनी ने F4Q26 की कैपेसिटी या यील्ड के लिए कोई गाइडेंस जारी नहीं किया है, जिससे शॉर्ट-टर्म परफॉर्मेंस को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। मॉर्गन स्टेनली ने यह भी कहा कि हाल की ऑपरेशनल दिक्कतों से शॉर्ट-टर्म लागत बढ़ने की संभावना है, क्योंकि बढ़ी हुई पैसेंजर सपोर्ट सेवाओं से खर्च के स्ट्रक्चर पर दबाव पड़ेगा।
शॉर्ट टर्म में कमाई कमजोर रहने की उम्मीद है, लेकिन ब्रोकरेज का कहना है, कि इंडिगो की लॉन्ग-टर्म ग्रोथ स्टोरी पहले जैसी बरकरार है। वैल्यूएशन फेयर है।