दरअसल दक्षिण कोरिया ने अपने स्वदेशी रॉकेट के साथ एक सैटेलाइट को कक्षा (Orbit) में स्थापित करने की कोशिश की लेकिन इसमें उसको सफलता हासिल नहीं हुई। इससे प्रतिष्ठित ग्लोबल अंतरिक्ष क्लब में शामिल होने की एक दशक लंबी परियोजना को झटका लगा है। राष्ट्रपति मून जे-इन (Moon Jae-in) ने नारो स्पेस सेंटर (Naro Space Center) में कहा, 'केएसएलवी-द्वितीय रॉकेट (नूरी),ने 700 किलोमीटर की लक्ष्य ऊंचाई तक उड़ान भरी, लेकिन 1.5 टन के डमी सैटेलाइट को कक्षा में स्थापित करने में वो सफल नहीं रहा। उन्होंने कहा कि इस विफलता से हमे पता चला है कि इसमें क्या क्या चुनौतियाँ हैं। अब तक केवल 6 देशों - रूस, अमेरिका, फ्रांस, चीन, जापान और भारत ने एक अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान विकसित किया है। दक्षिण कोरिया अगले साल नूरी अंतरिक्ष रॉकेट का एक और प्रक्षेपण करने की योजना बना रहा है। 2013 में, दक्षिण कोरिया ने सफलतापूर्वक अपना पहला नारो अंतरिक्ष रॉकेट लॉन्च किया था।