बैन एंड कंपनी और मिंत्रा की रिपोर्ट "डिकोडिंग इंडियाज ऑनलाइन फैशन एंड लाइफस्टाइल शॉपिंग ट्रेंड्स" के अनुसार भारत का ऑनलाइन फैशन और लाइफस्टाइल मार्केट 2028 तक 16-17 बिलियन डॉलर से बढ़कर 40-45 बिलियन डॉलर हो जाएगा। "डिकोडिंग इंडियाज ऑनलाइन फैशन एंड लाइफस्टाइल शॉपिंग ट्रेंड्स" टाइटल वाली यह रिपोर्ट भारत में विकसित हो रहे ई-लाइफस्टाइल लैंडस्केप का कम्प्रेहैन्सिव ओवरव्यू प्रदान करती है।
भारत में ओवरआल लाइफस्टाइल मार्केट जिसका वैल्यू 2023 में 130 बिलियन डॉलर होगा, और 2028 तक 10-12% की CAGR से बढ़कर 210 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। लाइफस्टाइल सेक्टर में ई-कॉमर्स की पहुंच वर्तमान 13% से बढ़कर 2028 तक 18-22% होने का अनुमान है, जिसका अर्थ है, कि लाइफस्टाइल पर खर्च किए गए पांच डॉलर में से एक ऑनलाइन होगा।
वर्तमान में 175 मिलियन से अधिक इंडियन लाइफस्टाइल प्रोडक्ट्स के लिए ऑनलाइन खरीदारी करते हैं, जो प्रति वर्ष औसतन 6-7 ट्रांजैक्शन करते हैं। लगभग 60 मिलियन जनरेशन-जेड खरीदार सालाना 8-9 बार खरीदारी करके वृद्धि को बढ़ावा दे रहे हैं, जबकि गैर-जनरेशन-जेड खरीदारों के लिए यह 5-6 गुना है।
फैशन 75-80% शेयर के साथ ई-लाइफस्टाइल मार्केट में सबसे आगे है, उसके बाद ब्यूटी और पर्सनल केयर का स्थान है। ऑनलाइन ट्रेंड-फर्स्ट मार्केट के 2028 तक $0.5 बिलियन से बढ़कर $4-5 बिलियन होने का अनुमान है, जिसमें ऑनलाइन पैठ 30-35% से बढ़कर 50-55% हो जाएगी।
टॉप 50 ग्लोबल लाइफस्टाइल ब्रांडों में से 90% भारत में एक्टिव हैं, जिनमें से आधे $30 मिलियन से अधिक रेवेनुए अर्जित करते हैं।
इस वृद्धि को कई कारक बढ़ावा दे रहे हैं, जिसमें मुद्रास्फीति के दबाव में कमी, बढ़ती आय, फैशन-फ़ॉरवर्ड जेन-जेड खरीदारों की संख्या में वृद्धि और संगठित रिटेल बिज़नेस की ओर रुझान शामिल हैं। इसके अतिरिक्त टेक्नोलॉजी अडवांसमेंट्स जैसे एआई-ड्रिवेन पर्सनलाइजेशन, वर्चुअल ट्राई-ऑन और वॉयस-असिस्टेड शॉपिंग, ऑनलाइन शॉपिंग के अनुभव को बेहतर बना रही है।
बैन एंड कंपनी के पार्टनर मनन भसीन Manan Bhasin Partner at Bain & Company ने कहा भारत का अपैरल सोर्सिंग लैंडस्केप परिपक्व हो गया है, सूरत और तिरुपुर से परे देश भर में नए मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर उभर रहे हैं। कुछ प्रमुख ग्लोबल ब्रांडों के लिए भारत की सोर्सिंग का हिस्सा लगातार बढ़कर 20-30% हो गया है। हालाँकि सुधार की बहुत गुंजाइश है, लेकिन टेक्सटाइल मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं में वृद्धि, ब्रांड सप्लायर के साथ बेहतर संबंध और ERP सिस्टम सहित अधिक टेक्नोलॉजी एनाब्लेमेंट, AI-बेस्ड ट्रेंड-स्पॉटिंग सभी भारत के अपैरल मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास का संकेत देते हैं।
रिपोर्ट में खोज और खरीदारी को बढ़ाने में सोशल मीडिया की बढ़ती भूमिका पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें पिछले दो वर्षों में टॉप 30 डी2सी ब्रांडों के लिए वृद्धिशील ट्रैफिक में सोशल प्लेटफॉर्म का 20% योगदान रहा है।
इंडियन मार्केट में प्रवेश करने वाले ग्लोबल ब्रांडों के लिए रिपोर्ट एक विनिंग प्लेबुक की रूपरेखा प्रस्तुत करती है, जिसमें एक अलग कस्टमर प्रोपोज़िशन, एफ्फिसिएंट सोर्सिंग, स्ट्रेटेजिक मार्केटिंग और इंडिया-स्पेसिफिक ग्रोथ के लिए साझेदारी का लाभ उठाना शामिल है।
चूंकि भारत में ई-लाइफस्टाइल मार्केट लगातार विकसित हो रहा है, इसलिए रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है, कि ब्रांडों और प्लेटफार्मों को इंडियन कंस्यूमर को बेस्ट प्रोपोज़िशन देने के लिए मिलकर काम करना चाहिए, देश के डिजिटल परिवर्तन और बदलती कंस्यूमर प्राथमिकताओं का लाभ उठाना चाहिए।