FY26 के लिए अपकमिंग यूनियन बजट Union Budget में FY25 के संशोधित अनुमानों की तुलना में ग्रॉस टैक्स रेवेनुए में 10.5-11% की वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है।
सूत्रों ने बताया कि जीटीआर में अपेक्षित वृद्धि के परिणामस्वरूप लगभग 1 की संभावित कर उछाल होगी, क्योंकि नाममात्र जीडीपी वृद्धि भी लगभग उसी स्तर पर होगी। FY25 में कर उछाल 1.1 होने की संभावना है।
FY25 के बजट अनुमान में जीटीआर वृद्धि 10.8% रहने का अनुमान लगाया गया था, लेकिन अप्रैल-नवंबर में वृद्धि 10.7% रही। हालांकि पहले अग्रिम अनुमानों के अनुसार कर्रेंट फाइनेंसियल ईयर के लिए नाममात्र जीडीपी 9.7% रहने का अनुमान है, जबकि बजट अनुमान में 10.5% रहने का अनुमान लगाया गया था।
इस वर्ष फाइनेंस मिनिस्ट्री के अधिकारियों का मानना है, कि जीटीआर का संशोधित अनुमान बजट अनुमान (38.4 ट्रिलियन रुपये) से अधिक नहीं होगा, जबकि पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन में अब तक अनुमान से अधिक वृद्धि देखी गई है।
अप्रैल-नवंबर में पीआईटी कलेक्शन में सालाना आधार पर 23.5% की वृद्धि हुई है, जो बजट अनुमान में 13.6% की वृद्धि से कहीं अधिक है। FY24 में भी पीआईटी कलेक्शन इसी स्तर के करीब बढ़ा था, जबकि बजट में 10.5% की वृद्धि का अनुमान लगाया गया था।
दूसरी ओर अप्रैल-नवंबर में कॉर्पोरेट इनकम टैक्स कलेक्शन में (-)0.5% की वृद्धि हुई है, जबकि बजट अनुमान में वृद्धि 12% रहने का अनुमान लगाया गया है। ईवाई इंडिया के सीनियर एडवाइजर सुधीर कपाड़िया Sudhir Kapadia ने कहा "सीआईटी कलेक्शन में अपेक्षा से कम वृद्धि सीधे तौर पर इस फाइनेंसियल ईयर में कॉर्पोरेट मुनाफे में गिरावट से संबंधित है, क्योंकि इस गिरावट को समझाने के लिए कर दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।"
इकोनॉमिक लॉज प्रैक्टिस के पार्टनर राहुल चरखा ने कहा कि हालांकि पिछले कुछ वर्षों में कॉर्पोरेट कर आधार में वृद्धि हुई है, लेकिन टैक्स रेट्स में कमी (2019-20 में), टैक्स हॉलिडे की उपलब्धता और फाइनेंसियल प्रोत्साहन के साथ कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन पहले की तुलना में धीमी गति से बढ़ रहा है।
FY26 के लिए लक्ष्मीकुमारन और श्रीधरन के पार्टनर एस. श्रीराम को उम्मीद है, कि सीआईटी और पीआईटी में वृद्धि लगभग 13-15% होगी।
इनडायरेक्ट टैक्स के मोर्चे पर जीएसटी और कस्टम्स में कलेक्शन अब तक बजट अनुमान से अधिक हो गया है। अप्रैल-नवंबर में कस्टम्स कलेक्शन में 8.7% की वृद्धि हुई है (बजट अनुमान में 2% की वृद्धि के मुकाबले), मुख्य रूप से सोने और पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के इम्पोर्ट्स में तेज वृद्धि के कारण। अप्रैल-दिसंबर में सोने के इम्पोर्ट्स में वैल्यू के लिहाज से सालाना आधार पर 17% की वृद्धि हुई है, और पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स में लगभग 7% की वृद्धि हुई है।
अप्रैल-नवंबर में सेस मोप-अप के साथ-साथ सेंट्रल जीएसटी कलेक्शन में 12.1% की कलेक्टिव वृद्धि देखी गई है, जबकि बजट अनुमान में वृद्धि 11% रहने का अनुमान लगाया गया था।
इस बीच अप्रैल-नवंबर में एक्साइज ड्यूटी कलेक्शन में 0.6% की कमी आई, जबकि बजट अनुमान में 4.5% की वृद्धि का अनुमान लगाया गया था। मोप-अप में गिरावट आंशिक रूप से आयल प्रोडक्शन और पेट्रोल और डीजल प्रोडक्ट्स के निर्यात पर विंडफॉल टैक्स को वापस लेने से भी समझा जा सकता है।
एक्सपर्ट्स का कहना है, कि अपकमिंग बजट में रेवेनुए ग्रोथ अनुमानों को 2024-25 के लिए व्यापक आर्थिक विकास पूर्वानुमान के साथ जोड़ा जाएगा। ईवाई इंडिया के टैक्स पार्टनर बिपिन सपरा ने कहा "FY25 की दूसरी तिमाही में रिपोर्ट की गई 5.4% की मामूली जीडीपी वृद्धि से यह सतर्क दृष्टिकोण और भी स्पष्ट हो जाता है, जो रेवेनुए अनुमानों के लिए एक यथार्थवादी आधार प्रदान करता है।"