गौतम अडानी Gautam Adani ने श्रीलंका में विंड एनर्जी से इलेक्ट्रिसिटी बनाने के लिए प्रोजेक्ट स्थापित करने में 1 अरब डॉलर से अधिक का निवेश करने की योजना बनाई, जो इस आइलैंड नेशन का सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और अब तक की सबसे बड़ी पावर प्रोजेक्ट होगी।
अडानी की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड Adani Green Energy Limited श्रीलंका के मन्नार शहर और उत्तरी क्षेत्र के पूनरीन गांव में लगभग 740 मिलियन डॉलर के निवेश से 484 मेगावाट की कुल स्थापित क्षमता वाले दो विंड फार्म स्थापित करेगी।
सूत्रों के अनुसार कि रिलेटेड इंफ्रास्ट्रक्चर में जो इलेक्ट्रिसिटी को कोन्सुम्प्शन सेंटर तक पहुंचाएगा, उसमें 290 मिलियन डॉलर से अधिक का निवेश होगा।
ये प्रोजेक्ट न केवल श्रीलंका की सबसे बड़ी रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट होंगी, बल्कि देश की अब तक की सबसे बड़ी पावर प्रोजेक्ट भी होंगी।
पिछले महीने श्रीलंका ने 20 वर्षों के लिए अडानी के विंड एनर्जी स्टेशनों से इलेक्ट्रिसिटी खरीदने के लिए समझौता किया था।
समझौते के अनुसार एजीईएल को प्रति किलोवाट-घंटे (kWh) 8.26 सेंट का पेमेंट किया जाएगा। यह राज्य के स्वामित्व वाली सीईबी की थर्मल प्रोजेक्ट के लिए पेमेंट किए जाने वाले 26.99 सेंट प्रति किलोवाट घंटे और विंड प्रोजेक्ट के लिए 9.67 से 13.99 सेंट प्रति किलोवाट घंटे से कम है।
यह ओडामावाड़ी विंड प्रोजेक्ट के लिए पेमेंट किए जाने वाले 8.75 सेंट प्रति किलोवाट घंटे से कम है।
अडानी ग्रुप कोलंबो में आइलैंड नेशन के सबसे बड़े पोर्ट पर 700 मिलियन डॉलर की टर्मिनल प्रोजेक्ट के निर्माण में भी शामिल है।
श्रीलंका जो 2022 में आर्थिक संकट के दौरान पावर की कमी और फ्यूल की कमी से जूझ रहा था, ने देश के पावर सेक्टर में सुधार लाने और रिन्यूएबल एनर्जी में निवेश आकर्षित करने के लिए एक नया कानून बनाया है।
यह कदम जो IMF से 2.9 बिलियन डॉलर की सहायता के तहत की गई प्रतिबद्धताओं के अनुरूप है, सरकारी पावर कंपनी सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में घाटे को कम करने और इस सेक्टर को निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक बनाने का प्रयास करता है।
अडानी की प्रोजेक्ट स्ट्रेटेजिक रूप से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हिंद महासागर में चीन के आर्थिक प्रभाव को सीमित करेगी, विशेष रूप से श्रीलंका के उत्तरी क्षेत्र में, जो भारत की दक्षिणी मुख्य भूमि के बहुत करीब है।
सूत्रों के अनुसार कि दोनों देशों के बीच सरकार-से-सरकार स्तर पर बातचीत हुई है, और कई अन्य इंडियन फर्म जिनमें सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियाँ भी शामिल हैं, वहाँ अपना कारोबार शुरू करने की योजना बना रही हैं।
राष्ट्रों के बीच एनर्जी ट्रेड के लिए श्रीलंका-भारत पावर ट्रांसमिशन लाइन Sri Lanka-India Power Transmission Line स्थापित करने की भी बातचीत चल रही है।
सूत्रों के अनुसार कि अडानी की प्रोजेक्ट को लंकन कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है, और पावर खरीद समझौते को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जिसके बाद इंडियन दिग्गज कंपनी काम शुरू करेगी और दो साल में प्रोजेक्ट को पूरा करेगी।