फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) कंपनियाँ GST का लाभ ग्राहकों तक पहुँचाने के लिए कई उपायों का इस्तेमाल कर सकती हैं। उनका कहना है, कि अलग-अलग आकार के पैक के लिए अलग-अलग तरह की व्यवस्था की ज़रूरत हो सकती है। कई कंपनियों के साथ बातचीत से पता चलता है, कि ज़्यादातर कंपनियाँ छोटे पैक का वज़न बढ़ाएँगी और बड़े पैक की कीमतें कम करेंगी, क्योंकि कई कंपनियाँ इसे इस समस्या का व्यावहारिक समाधान मान रही हैं।
डाबर के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर मोहित मल्होत्रा Mohit Malhotra, जो CII-FMCG कमिटी के भी सदस्य हैं, और इसी मुद्दे पर सरकार से बात कर रहे हैं, कहते हैं, "ज़्यादातर कंपनियाँ यह रोडमैप अपना सकती हैं, कि 20 रुपये तक के कम यूनिट वाले पैक में ग्राम की मात्रा बढ़ाई जा सकती है, जबकि 20 रुपये से ज़्यादा वाले पैक की कीमतों में सीधी कटौती की जा सकती है।"
मोहित मल्होत्रा कहते हैं, कि 5 रुपये, 10 रुपये, 15 रुपये और 20 रुपये जैसे पॉपुलर प्राइस पॉइंट्स को छोड़ना संभव नहीं है, क्योंकि ज़्यादातर कैटिगरीज में कम से कम 40-50% सेल छोटे पैक से होती है। वे कहते हैं, "निकटतम रुपये में पूर्णांकन करने से ट्रेड और कंस्यूमर्स के बीच विवाद पैदा हो सकता है। और अगर हम कीमतों में भारी कटौती बड़े पैक पर करते हैं, तो क्रॉस-सब्सिडी कम यूनिट वाले पैक की सेल को नुकसान पहुँचा सकती है। हमने संबंधित अधिकारियों को इस बारे में सूचित कर दिया है।"
इंडस्ट्री सूत्रों के अनुसार सरकार इस सप्ताह छोटे पैक की कीमतों के संबंध में दिशानिर्देश जारी कर सकती है, जिसके बाद विभिन्न कंपनियों द्वारा कंस्यूमर्स को कीमतों में बदलाव के बारे में एडवरटाइजिंग देने की प्रक्रिया तेज़ हो सकती है।
अब तक हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) और प्रॉक्टर एंड गैंबल (P&G) जैसी कंपनियों ने 22 सितंबर से प्रभावी होने वाले मूल्य परिवर्तनों की घोषणा की है, जो मुख्यतः सभी कैटिगरीज के बड़े पैक पर लागू होंगे।
HUL ने साबुन, शैंपू, टूथपेस्ट, फेस पाउडर, जैम, केचप, नुट्रिशन, कॉफी और सूप की कीमतों में 10-15% की कटौती की है, जबकि P&G ने शैंपू, हेल्थकेयर, बेबी केयर, ओरल केयर और पुरुषों के सौंदर्य प्रसाधनों की कीमतों में 5-15% की वृद्धि की है। दोनों कंपनियों ने संकेत दिया है, कि कम एमआरपी वाला नया स्टॉक मार्केट में पहुँचने की प्रक्रिया में है, जबकि मौजूदा स्टॉक में दो कीमतें पुरानी और नई दिखाई देंगी और कंस्यूमर्स 22 सितंबर से कम एमआरपी के हकदार होंगे।
देश के प्रमुख बिस्कुट निर्माताओं में से एक पारले प्रोडक्ट्स के वाईस प्रेजिडेंट मयंक शाह Mayank Shah ने कहा "हम इस हफ़्ते कीमतों में बदलाव का एडवरटाइजिंग करेंगे। बड़े पैक में सीधी कटौती हो सकती है, लेकिन छोटे पैक में हम एक्स्ट्रा छूट दे सकते हैं, क्योंकि सिक्का हमारे बिज़नेस के लिए महत्वपूर्ण है।"
बीकाजी फ़ूड्स के चीफ फाइनेंसियल ऑफिसर ऋषभ जैन ने कहा कि स्नैक्स जैसी कैटिगरीज में इंपल्स पैक में ग्रामेज की मात्रा बढ़ सकती है, जबकि बड़े पैक में कीमतों में कटौती होगी।
एक्सपर्ट्स का कहना है, कि अगर जीएसटी रेट में कटौती का लाभ कंस्यूमर्स तक जल्दी नहीं पहुँचाया गया, तो कंपनियाँ मुनाफ़ाखोरी-रोधी उपायों को लेकर भी सतर्क हैं।
केचप, बेकरी प्रोडक्ट्स और मेयोनीज़ बनाने वाली कंपनी क्रेमिका फ़ूड इंडस्ट्रीज के मैनेजिंग डायरेक्टर अक्षय बेक्टर का कहना है, कि कंपनी मुख्य रूप से छोटे पैक में वज़न को एडजस्ट करने पर काम करेगी।
अक्षय बेक्टर ने कहा "ग्रामेज, जिसे मुद्रास्फीति की चिंताओं के कारण हाल की तिमाहियों में बंद करना पड़ा था, पैक्स में वापस आएगा और यह बहुत जल्दी किया जाएगा, विशेष रूप से कम-यूनिट पैक्स में।"