सरकारी कंपनियां एक दूसरे में नहीं खरीद सकती हिस्सेदारी 

437
22 Apr 2022
7 min read

News Synopsis

वित्त मंत्रालय Ministry of Finance ने कहा है कि एक सरकारी कंपनी Government Company किसी और सरकारी कंपनी में हिस्सेदारी नहीं खरीद सकती है। ऐसा होने पर विनिवेश Disinvestment  का मकसद पूरा नहीं होगा। मंत्रालय ने कहा कि इस दौरान प्रबंधन का नियंत्रण किसी दूसरे सरकारी संगठन या राज्य सरकार के पास होता है तो इससे सरकारी क्षेत्र की कंपनी की अंतर्निहित क्षमताएं बनी रह सकती हैं। ऐसे में नई पीएसई नीति PSE Policy का सही उद्देश्य विफल हो जाएगा। निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग Department of Investment and Public Asset Management  ने कहा, कंपनियां राज्य की हों या केंद्र की, किसी में भी दूसरी सरकारी कंपनी बोली नहीं लगा सकेगी।

हालांकि, केंद्र की विशेष मंजूरी के बाद इसमें छूट दी जा सकती है। पहले सरकारी कंपनियां अपनी अधिकांश हिस्सेदारी उसी क्षेत्र में काम करने वाली दूसरी सरकारी कंपनियों को बेच देती थीं। ऐसी कंपनियां, जिनमें सरकार की 51% या उससे ज्यादा हिस्सेदारी है, उन्हें सीपीएसई कहते हैं। सरकार ने फरवरी, 2021 में जो नीति जारी की थी, उसके मुताबिक चार रणनीतिक क्षेत्रों में सीपीएसई CPSE की कम से कम संख्या को बरकरार रखा जाएगा। जबकि बाकी का निजीकरण या विलय कर दिया जाएगा। इन चार क्षेत्रों में परमाणु ऊर्जा Atomic Energy अंतरिक्ष व रक्षा  Space & Defence परिवहन Transport और दूरसंचार Telecommunication बिजली Power पेट्रोलियम Petroleum कोयला Coal व खनिज Mineral और बैंकिंग Banking बीमा व वित्तीय सेवाएं शामिल थे।

 

Podcast

TWN In-Focus