एस्सार ग्रुप के को-फाउंडर शशिकांत रुइया Shashikant Ruia का लंबी बीमारी के बाद 25 नवंबर को निधन हो गया। वे 81 वर्ष के थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में रखा जाएगा और शाम 4 बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।
एस्सार ग्रुप ने कहा "हमें बहुत दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है, कि रुइया और एस्सार परिवार के संरक्षक शशिकांत रुइया का निधन हो गया है। वे 81 वर्ष के थे। सामुदायिक उत्थान और परोपकार के प्रति अटूट कमिटमेंट के साथ उन्होंने लाखों लोगों के जीवन को छुआ और एक स्थायी प्रभाव छोड़ा। उनकी विनम्रता, गर्मजोशी और हर किसी से जुड़ने की क्षमता ने उन्हें वास्तव में एक एक्सेप्शनल लीडर बनाया।"
कंपनी ने कहा "एक आइकोनिक उद्योगपति शशिकांत रुइया एस्सार ग्रुप के चेयरमैन ने भारत के कॉर्पोरेट लैंडस्केप को फिर से परिभाषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने एस्सार ग्रुप की नींव रखी और इसे एक ग्लोबल कांग्लोमरेट बनाया। शशिकांत रुइया की असाधारण विरासत हम सभी के लिए एक मार्गदर्शक प्रकाश बनी रहेगी, क्योंकि हम उनके विज़न का सम्मान करते हैं, और उनके द्वारा संजोए गए और समर्थित वैल्यू को बनाए रखना जारी रखते हैं।"
शशिकांत रुइया ने अपने करियर की शुरुआत 1965 में अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में की थी। उन्होंने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की नींव रखी। शशिकांत रुइया कई नेशनल निकायों और इंडस्ट्री संघों में भी शामिल थे। वे फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की मैनेजिंग कमिटी का हिस्सा थे। वे इंडो-यूएस ज्वाइंट बिजनेस काउंसिल के चेयरमैन और इंडियन नेशनल शिपऑनर्स एसोसिएशन के पूर्व प्रेजिडेंट भी थे। वे प्रधानमंत्री के इंडो-यूएस सीईओ फोरम और भारत-जापान बिजनेस काउंसिल के मेंबर भी थे।
कंपनी की वेबसाइट के अनुसार टेलीकॉम, बीपीओ और आयल एवं गैस क्षेत्रों में एस्सार ग्रुप के पोर्टफोलियो बिज़नेस ने वोडाफोन, ब्रुकफील्ड, रोसनेफ्ट और ट्रैफिगुरा जैसी बड़ी कंपनियों से 40 बिलियन डॉलर से अधिक का मोनेटाइजेशन आय प्राप्त की है।
उनके परिवार में उनकी पत्नी मंजू और दो बेटे प्रशांत और अंशुमान हैं।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Prime Minister Narendra Modi ने कहा "शशिकांत रुइया जी इंडस्ट्री जगत में एक महान हस्ती थे। उनके विज़न लीडरशिप और एक्सीलेंस के प्रति अटूट कमिटमेंट ने भारत के बिज़नेस लैंडस्केप को बदल दिया। उन्होंने इनोवेशन और ग्रोथ के लिए हाई बेंचमार्क्स भी स्थापित किए। वह हमेशा विचारों से भरे रहते थे, हमेशा चर्चा करते थे, कि हम अपने देश को कैसे बेहतर बना सकते हैं। शशि जी का निधन बेहद दुखद है। इस दुख की घड़ी में उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएँ। ओम शांति।"