भारत के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट बल्लेबाजों में से एक चेतेश्वर पुजारा ने अपने शानदार करियर को अलविदा कह दिया। 37 वर्षीय चेतेश्वर पुजारा ने सोशल मीडिया पर यह घोषणा की। उन्होंने 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ World Test Championship के फाइनल में अपने 103 टेस्ट मैचों में से आखिरी मैच खेला।
उन्होंने कहा "भारतीय जर्सी पहनना, राष्ट्रगान गाना और हर बार मैदान पर कदम रखते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करना - इसका असली मतलब शब्दों में बयां करना मुश्किल है। लेकिन जैसा कि कहते हैं, सभी अच्छी चीजों का अंत होना ही चाहिए, और अपार कृतज्ञता के साथ मैंने भारतीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने का फैसला किया है।"
चेतेश्वर पुजारा ने 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और 103 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 43.61 की औसत से 7,195 रन बनाए, जिसमें 19 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं। टेस्ट मैचों में उनका हाईएस्ट स्कोर 206 रन रहा। उन्होंने पाँच एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में भी 51 रन बनाए।
अपनी अडिग तकनीक और क्रीज़ पर अद्भुत धैर्य के लिए जाने जाने वाले चेतेश्वर पुजारा ने अक्सर चुनौतीपूर्ण विदेशी परिस्थितियों में भारतीय बल्लेबाज़ी को एकजुट रखा। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में भारत की ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज़ जीत में उनकी दृढ़ता का अहम योगदान रहा।
अपने आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच के बाद से वह भारतीय टेस्ट टीम से बाहर थे, लेकिन डोमेस्टिक क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहे, जिससे खेल के प्रति उनके अटूट प्रेम और कमिटमेंट का प्रमाण मिला।
चेतेश्वर पुजारा Cheteshwar Pujara ने अपने पूरे करियर में अपने साथियों, कोचों और फैंस के समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।
उन्होंने टीम के साथियों, सहयोगी स्टाफ, अंपायरों, ग्राउंड स्टाफ, स्कोरर, एनालिस्ट, मीडियाकर्मियों और पर्दे के पीछे काम करने वाले अन्य लोगों का भी आभार व्यक्त किया। "मेरे सभी साथियों, सहयोगी स्टाफ, नेट गेंदबाजों, एनालिस्ट, लॉजिस्टिक्स टीम, अंपायरों, ग्राउंड स्टाफ, स्कोरर, मीडियाकर्मियों और उन सभी लोगों का बहुत-बहुत धन्यवाद, जिन्होंने पर्दे के पीछे अथक परिश्रम करके हमें इस प्यारे खेल में कम्पटीशन करने और खेलने में इनेबल बनाया।"
स्पोंसर्स और फैंस की भूमिका को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि उनके विश्वास और ऊर्जा ने उन्हें इस पूरे सफ़र में प्रेरित रखा। "खेल ने मुझे दुनिया भर में पहुँचाया है, और फैंस का जोशीला समर्थन और ऊर्जा हमेशा मेरे साथ रही है। मैं जहाँ भी खेला हूँ, उनकी शुभकामनाओं और प्रेरणा से अभिभूत हूँ, और हमेशा आभारी रहूँगा।"
चेतेश्वर पुजारा ने अपने परिवार को उनके साथ खड़े रहने का श्रेय दिया। "यह सब मेरे परिवार मेरे माता-पिता, मेरी पत्नी पूजा, मेरी बेटी अदिति, मेरे ससुराल वालों और मेरे परिवार के बाकी मेंबर्स के अनगिनत त्याग और अटूट समर्थन के बिना संभव या सार्थक नहीं हो पाता, जिन्होंने इस सफ़र को वाकई सार्थक बनाया है। मैं अपने जीवन के अगले पड़ाव का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा हूँ, उनके साथ ज़्यादा समय बिताने और उन्हें प्राथमिकता देने के लिए।"
इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड दौरे से पहले टीम के दो अन्य दिग्गजों विराट कोहली और रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया था, जिसे देखते हुए संन्यास लेने का फ़ैसला बिल्कुल भी आश्चर्यजनक नहीं था। उनके संन्यास ने भारतीय क्रिकेट खासकर टेस्ट फॉर्मेट में के एक युग का अंत कर दिया है। एक धैर्यवान, भरोसेमंद और तकनीकी रूप से शानदार बल्लेबाज़ के रूप में चेतेश्वर पुजारा की विरासत आने वाले वर्षों में युवा क्रिकेटरों को प्रेरित करती रहेगी।