बजट 2024 Budget 2024 आने वाला है और इसके लिए तैयारी जोरों पर है। इसी हफ्ते वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण Finance Minister Nirmala Sitharaman ने पारंपरिक "हलवा रस्म" "Halva Ceremony" में भाग लिया। यह रस्म बजट पेश होने से पहले की जाती है और इसमें वित्त मंत्री सहित वित्त मंत्रालय के अधिकारी साथ में हलवा बनाते और खाते हैं।
यह रस्म बजट को बनाने की अंतिम प्रक्रिया का प्रतीक है। इसे दिल्ली के सचिवालय में किया जाता है। इस समारोह के बाद बजट दस्तावेजों को छापने का काम शुरू हो जाता है। हलवा खाने के बाद इस प्रक्रिया में शामिल सभी अधिकारी बजट पेश होने तक संसद भवन में ही रहते हैं। इससे बजट की जानकारी गुप्त रखी जाती है और कोई लीक नहीं होता।
हलवा सेरेमनी भारत में बजट से पहले का एक पारंपरिक और प्रतीकात्मक अनुष्ठान है। यह सेरेमनी बजट दस्तावेजों की छपाई प्रक्रिया की शुरुआत का प्रतीक है। इस दौरान वित्त मंत्री और वित्त मंत्रालय Finance Ministry के अधिकारी मिलकर हलवा बनाते हैं और सभी को बांटते हैं। इसके बाद, बजट बनाने में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों को बजट पेश होने तक नॉर्थ ब्लॉक में ही रहना पड़ता है, ताकि बजट की जानकारी गुप्त रहे और कोई लीक न हो।
बजट बनाने की प्रक्रिया जटिल और बहु-चरणीय होती है। इसमें कई कदम शामिल होते हैं।
विभिन्न मंत्रालय, राज्य और रक्षा बल अपने-अपने बजट अनुमान प्रस्तुत करते हैं।
वित्त मंत्रालय इन अनुमानों की सावधानीपूर्वक समीक्षा करता है और प्राथमिकताओं और संसाधन आवंटन को संतुलित करता है।
अंतिम रूप दिए जाने के बाद, बजट प्रस्ताव प्रधानमंत्री की स्वीकृति के लिए भेजा जाता है।
प्रधानमंत्री की स्वीकृति मिलने के बाद बजट दस्तावेजों की छपाई शुरू होती है।
हलवा सेरेमनी के दौरान, बजट बनाने में शामिल अधिकारियों को औपचारिक रूप से "विदा" दिया जाता है। इसके बाद, वे बजट प्रस्तुतिकरण तक परिवार के साथ संपर्क किए बिना, मंत्रालय परिसर में ही रहते हैं। इसका उद्देश्य अंतिम बजट दस्तावेज की गोपनीयता बनाए रखना है।
हलवा रस्म के पूरा होने के साथ, बजट दिवस - 1 फरवरी, 2024 - की उलटी गिनती आधिकारिक रूप से शुरू हो जाती है। चूंकि यह आगामी आम चुनावों से पहले पेश किया जाने वाला एक अंतरिम बजट है, इसलिए उम्मीद है कि यह बड़ी नीतिगत परिवर्तनों को पेश करने के बजाय तत्काल की प्राथमिकताओं और पहलों पर ध्यान केंद्रित करेगा। उद्योग विशेषज्ञों को बुनियादी ढांचे के विकास और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों को मजबूत करने के उपायों के साथ-साथ पूंजीगत व्यय पर निरंतर जोर की उम्मीद है।
हलवा बनाने और पूरे बजट निर्माण प्रक्रिया में शामिल सभी कर्मचारियों को वितरित करने के बाद, इन अधिकारियों और सहायक कर्मचारियों को संसद में बजट पेश किए जाने तक नॉर्थ ब्लॉक में ही रहना होता है। यह सख्ती से पालन किया जाने वाला नियम है जिसे "लॉक-इन अवधि" कहा जाता है।
यह बजट से संबंधित जानकारी की गोपनीयता बनाए रखने और आधिकारिक प्रस्तुति से पहले किसी भी लीक को रोकने के लिए किया जाता है।
हलवा रस्म की परंपरा ब्रिटिश राज के समय से चली आ रही है और तब से इसे लगातार निभाया जाता है। वर्षों से, यह भारत की बजट-निर्माण प्रक्रिया का एक अनूठा प्रतीक बन गया है, जिसमें इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को पूर्ण गोपनीयता की आवश्यकता के साथ जोड़ा गया है।
2024 का अंतरिम बजट 1 फरवरी को सुबह 11 बजे संसद में पेश किया जाएगा। यह अंतरिम बजट है क्योंकि इस साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में इस बजट में बड़े बदलावों की उम्मीद नहीं है, बल्कि सरकार ज़रूरी कामों पर ही फोकस करेगी।
तो अगले हफ्ते जब वित्त मंत्री बजट पेश करेंगी, तो याद रखिएगा उससे पहले की "हलवा रस्म" कितनी खास है।