महंगाई रोकने के लिए सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है। गेहूं के निर्यात पर रोक लगाने के बाद सरकार ने अब चीनी के एक्सपोर्ट sugar export पर भी बैन Ban लगा दिया है। सरकार ने चीनी निर्यात को 100 लाख टन तक सीमित करने का फैसला किया है। सरकार का कहना है कि चीनी की बढ़ती कीमत को रोकने और देश में इसकी सुचारू सप्लाई जारी रखने के लिए यह फैसला लिया गया है।
यह पाबंदी एक जून से अगले आदेश तक लागू रहेगी। चीनी मिलों Sugar Mills और निर्यातकों को एक जून के बाद निर्यात के लिए सरकार से एक्सपोर्ट रिलीज ऑर्डर Export Release Order के रूप में मंजूरी लेनी होगी। देश में जिस तरह से चीनी के दाम बढ़ रहे थे, उससे ये कयास लगाए जा रहे थे कि सरकार देर सबेर इसके निर्यात पर पाबंदी लगा सकती है।
आपको बता दें कि चीनी के निर्यात में छह साल में पहली बार बैन लगाया गया है। सरकार अपने पास कम से कम दो से तीन महीने का अतिरिक्त चीनी स्टॉक रखना चाहती है ताकि घरेलू मांग को पूरा किया जा सके। आंकड़ों के मुताबिक देश ने भारी मात्रा में चीनी का निर्यात किया है। मौजूदा शुगर सीजन में 90 लाख टन चीनी के निर्यात के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर साइन हुए हैं जबकि इसमें से 82 लाख टन चीनी शुगर मिलों से एक्सपोर्ट के लिए भेजी जा चुकी है। इसमें से करीब 78 लाख टन चीनी का एक्सपोर्ट किया जा चुका है। इस साल देश से चीनी का रिकॉर्ड निर्यात होने जा रहा है।
गौरतलब है कि अभी देश में चीनी की कीमत थोक बाजार में 3150 से 3500 रुपये प्रति क्विंटल चल रही है। वहीं इसकी रिटेल कीमत 36 से 44 रुपये किलो चल रही है। ज्यादा निर्यात के कारण देश में चीनी की कीमत में तेजी आने लगी थी। हालांकि पिछले एक साल में चीनी की कीमत में प्रति किलो दो रुपये का इजाफा हुआ है। चीनी निर्यात के मामले में भारत India दुनिया में दूसरे नंबर पर है। पूरी दुनिया में सिर्फ ब्राजील Brazil है, जो भारत से अधिक चीनी निर्यात करता है।