अमेरिका अपने रिज़र्व में से तेलों की सप्लाई कर सकता है तथा इसके लिए वह भारत, साउथ कोरिया, जापान जैसे देशों के संग साझेदारी करेगा। इस साझेदारी में चीन को भी सुझाव प्रस्तावित किया गया है, जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन ने संयुक्त बिक्री की प्रतिक्रिया में भाग लेने की बात कही है। यह कदम पेट्रोलियम के कीमतों में हो रही बढ़ोतरी को नियंत्रण करने के लिए उठाया जा रहा है। इसके माध्यम से पेट्रोलियम सप्लाई करने वाले opec जैसे संस्थानों द्वारा कीमत को संयमित अवस्था में रखने की बात कही जा रही है। गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से पेट्रोलियम के दामों में लगातार वृद्धि हो रही है, जो आम लोगों के साथ कई संस्थानों पर भी बुरा प्रभाव डाल रहा है।