अमेज़ॅन 2025 तक 10,000 नए ईवी के साथ भारत में अपने डिलीवरी बेड़े को विद्युतीकृत करेगा

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29 Aug 2023
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News Synopsis

अमेज़ॅन Amazon ने खुलासा किया कि उसके भारत डिलीवरी बेड़े ने 6,000 इलेक्ट्रिक वाहनों Electric Vehicles को पार कर लिया है, जिससे 400 से अधिक शहरों में कुशल डिलीवरी सक्षम हो गई है।

ई-कॉमर्स दिग्गज ने 2025 तक भारत में 10,000 ईवी तैनात करने पर दृढ़ता से ध्यान केंद्रित किया है। स्टार्टअप और छोटे व्यवसायों सहित स्थानीय मूल उपकरण निर्माताओं के साथ मिलकर अमेज़ॅन बड़े पैमाने पर गतिशीलता समाधानों में नवाचार चला रहा है। बेंगलुरु स्थित वाणिज्यिक ईवी निर्माता अल्टीग्रीन के साथ अमेज़ॅन के सहयोग के परिणामस्वरूप 177 क्यूबिक फीट जगह और 100 किलोमीटर की रेंज के साथ एक कस्टम-निर्मित थ्री-व्हीलर ईवी तैयार हुआ। इस नवोन्मेषी इलेक्ट्रिक वाहन ने अमेज़ॅन के नेटवर्क में कंटेनर क्षमता और रेंज को संरक्षित करते हुए, डीजल वैन की जगह ले ली है।

टाटा मोटर्स Tata Motors ने 210 क्यूबिक फीट जगह और 120 किलोमीटर से अधिक की रेंज वाली टाटा ऐस चार-पहिया ईवी डिजाइन करने के लिए अमेज़ॅन के साथ भी हाथ मिलाया है। अमेज़ॅन के डिलीवरी नेटवर्क के भीतर स्वामित्व की कुल लागत के मामले में ये ईवी पारंपरिक डीजल वैन EV Conventional Diesel Van से काफी बेहतर प्रदर्शन करते हैं।

अमेज़ॅन इंडिया में ग्राहक पूर्ति के उपाध्यक्ष अभिनव सिंह Abhinav Singh Vice President Customer Fulfillment Amazon India ने कहा कि अमेज़ॅन अपने डिलीवरी सेवा भागीदारों के साथ कंपनी की मांग को पूरा करने में सक्षम लगभग हर ईवी निर्माता के साथ जुड़ता है। और कुछ वर्षों में अमेज़ॅन ने ईवी, चार्जिंग स्टेशन और वित्तपोषण सेवाओं को तैनात करने, आयशर ट्रक और बस, महिंद्रा इलेक्ट्रिक, टाटा मोटर्स और अन्य जैसे प्रमुख उद्योग के खिलाड़ियों के साथ साझेदारी करने में प्रगति की है।

अमेज़ॅन का लक्ष्य कम कार्बन ईंधन जैसी प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाना, ऊर्जा-कुशल नवाचारों को अपनाना और बिजली उत्पादन से जुड़े उत्सर्जन को कम करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश करना है।

कंपनी अपने ट्रकिंग संचालन में स्केलेबल कार्बन न्यूनीकरण तकनीकों Scalable Carbon Mitigation Technologies का प्रयोग करके और ट्रांसपोर्टरों के लिए इलेक्ट्रिक ट्रकों में संक्रमण की सुविधा के लिए ऊर्जा बुनियादी ढांचे और वित्तपोषण कंपनियों के साथ सहयोग करके कार्बन उत्सर्जन को कम करने की दिशा में भी काम कर रही है।

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