Amazon ने कहा कि वह इस साल अपने ऑपरेशन इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार और अपग्रेड करने के लिए 2,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी, जिसका लक्ष्य ईकॉमर्स डिलीवरी को "faster and more reliable" बनाना है। यह तब हुआ है, जब हॉरिजॉन्टल ईकॉमर्स मार्केटप्लेस को 10-मिनट डिलीवरी प्लेटफ़ॉर्म से कड़ी कम्पटीशन का सामना करना पड़ रहा है।
अमेज़न इंडिया और ऑस्ट्रेलिया के वाईस प्रेजिडेंट-ऑपरेशन अभिनव सिंह ने कहा "ये लेटेस्ट निवेश हमारे फुलफिलमेंट, सॉर्टेशन और डिलीवरी नेटवर्क में अपने ऑपरेशन को लगातार विस्तारित और अपग्रेड करने की हमारी कमिटमेंट को दर्शाते हैं।"
अमेज़न ने हाल ही में बेंगलुरु में चुनिंदा पिन कोड पर अपनी क्विक कॉमर्स ऑफरिंग नाउ को लॉन्च किया है, और 10-मिनट डिलीवरी नेटवर्क को दिल्ली-एनसीआर और मुंबई तक विस्तारित करने की योजना बना रहा है। इसके साथ अमेज़न ने एक ऐसे क्षेत्र में प्रवेश किया है, जहाँ ब्लिंकिट, स्विगी के इंस्टामार्ट, ज़ेप्टो, बिगबास्केट, फ्लिपकार्ट मिनट्स और रिलायंस रिटेल के जियोमार्ट जैसे खिलाड़ी पहले से ही काम कर रहे हैं।
2023 में अमेज़न के सीईओ एंडी जेसी Andy Jassy ने कहा था, कि कंपनी जिसने उस समय भारत में कुल मिलाकर 11 बिलियन डॉलर का निवेश किया था, 2030 तक कुल निवेश को बढ़ाकर 26 बिलियन डॉलर करने की योजना बना रही है।
अमेज़न द्वारा अपने ऑपरेशन इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश की लेटेस्ट घोषणा ऐसे समय में की गई है, जब व्यापक ई-कॉमर्स सेक्टर में ग्रोथ में मंदी देखी जा रही है। बैन एंड कंपनी और फ्लिपकार्ट की रिपोर्ट के अनुसार कैलेंडर ईयर 2024 में भारत के ई-टेल मार्केट में ग्रोथ पिछले वर्षों के 20% से घटकर 10-12% रह जाएगी।
FY24 में अमेरिकी ईकॉमर्स दिग्गज की इंडियन मार्केटप्लेसएंटिटी Amazon Seller Services ने ऑपरेटिंग रेवेनुए में 14% की वृद्धि के साथ 25,406 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की। जबकि रेवेनुए ग्रोथ FY23 में 3% की वृद्धि से आगे निकल गई, यह महामारी पीरियड के दौरान देखी गई दरों से पीछे रही। FY22 में रेवेनुए 32% और FY21 में 49% बढ़ा था। FY24 में इसका नेट लॉस 28% घटकर 3,469 करोड़ रुपये रह गया।
दिसंबर 2024 में Amazon के सीनियर वाईस प्रेजिडेंट अमित अग्रवाल ने कहा था, कि कंपनी यह सुनिश्चित करना चाहती थी, कि वह जिस ग्रोथ को आगे बढ़ा रही है, वह एक प्रॉफिटेबल बिज़नेस की ओर हो। उन्होंने कहा “हम अपने निवेश करने के तरीके के बारे में सोच-समझकर काम करते हैं। हमने अपने बिज़नेस के लिए कॉस्ट स्ट्रक्चर को कम करने में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं, ताकि सेलर्स कम कीमतों पर अधिक चयन जोड़ सकें।”
कंपनी ने कहा कि वह ऐसे टूल्स में निवेश कर रही है, जो "रूट कम्प्लेक्सिटी को मापते हैं, और प्रत्येक डिलीवरी के लिए पर्याप्त समय देते हुए डिलीवरी रूट का समान डिस्ट्रीब्यूशन सुनिश्चित करते हैं"।
अन्य कदमों के अलावा अमेज़न ने कहा कि वह डिलीवरी कर्मियों के लिए प्रोसेस को सरल बनाने के लिए अपने ऐप को बेहतर बनाकर अपने डिलीवरी ऑपरेशन को सुव्यवस्थित कर रही है। कंपनी असंरचित या खोजने में मुश्किल पतों को अधिक कुशलता से खोजने में मदद करने के लिए बेहतर नेविगेशन टूल पेश कर रही है।
अमेज़न ने अपनी इन-हाउस लॉजिस्टिक्स सर्विस अमेज़न ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज का भी ऑपरेट किया, लेकिन इसे अमेज़न सेलर सर्विसेज में मर्जर किया जा रहा है।