भारत की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी Airtel ने भारत में अपने नेटवर्क पर रिच कम्युनिकेशन सर्विसेज (RCS) मैसेजिंग शुरू करने के लिए Google के साथ साझेदारी कर ली है। यह नया कदम एयरटेल के लिए एक बड़ा बदलाव है, क्योंकि भारतीय टेलीकॉम कंपनी ने पहले देश में आरसीएस के लिए सपोर्ट देने से इन्कार कर दिया था। कंपनी ने पहले आरसीएस मैसेजिंग के जरिए यूजर स्पैम को लेकर चिंता जताई थी। इस नए समझौते के साथ एयरटेल गूगल के प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके आरसीएस की सुविधा शुरू करेगी। आरसीएस ट्रेडिशनल एसएमएस की तरह ही काम करता है, लेकिन इसमें बेहतर सुविधाएं हैं, और यह मोबाइल डेटा या वाई-फाई पर काम करता है। लेटेस्ट अपडेट के साथ तीनों प्रमुख भारतीय टेलीकॉम कंपनियां, एयरटेल, जियो और वोडाफोन आइडिया अब RCS का सपोर्ट करती हैं।
अगर आप Airtel का उपयोग करते हैं, और एंड्रॉइड स्मार्टफोन हैं, तो अब SMS की जगह RCS के जरिए ज्यादा मॉडर्न, तेज और रिच मैसेजिंग कर पाएंगे। इसका मतलब है, कि टेक्स्ट के अलावा बेहतर मीडिया शेयरिंग (फोटो, वीडियो), ग्रुप चैट, रीड रसीप्ट, टाइपिंग इंडिकेटर आदि जैसी सुविधाएं हो सकती हैं। यह कदम WhatsApp जैसे मैसेजिंग प्लेटफार्मों के मुकाबले बेहतर नेटवर्क-स्वीकृत ऑप्शन देने की दिशा में है।
एयरटेल ने भारत में अपने नेटवर्क पर गूगल के प्लेटफॉर्म का यूज करके आरसीएस मैसेजिंग सर्विस देने के लिए गूगल के साथ हाथ मिलाया है। दोनों कंपनियों ने 80:20 रेवेन्यू शेयरिंग समझौते पर एकमत कर लिया है। रिपोर्ट में इंडस्ट्री के अधिकारियों ने कहा कि एयरटेल इस समझौते के तहत प्रति आरसीएस मैसेज के लिए 0.11 रुपये का चार्ज करेगा।
एयरटेल ने पहले RCS सपोर्ट के लिए गूगल और एप्पल के साथ साझेदारी करने से इनकार कर दिया था। एयरटेल ने एन्क्रिप्टेड चैनल के जरिए संभावित स्पैम की चिंताओं का हवाला देते हुए ओटीटी कम्युनिकेशन ऐप्स को एंटी-स्पैम नियमों के दायरे में लाने के लिए टेलीकॉम रेगुलेटर से भी संपर्क किया था। अब गूगल ने एयरटेल के इंटेलिजेंट स्पैम फिल्टर के साथ RCS को इंटीग्रेट करने पर सहमति जताई है, जिसके चलते हाल ही में यह समझौता हो पाया है।
RCS एक ग्लोबल मैसेजिंग स्टैंडर्ड है, जिसे जीएसएमए ने 2007 में पारंपरिक एसएमएस को एडवांस बनाने के लिए डेवलप किया था। यह व्हाट्सएप और आईमैसेज जैसे ऐप्स की तरह ही रीड रिसीट्स, फाइल शेयरिंग, ग्रुप चैट और लोकेशन शेयरिंग जैसी कई सर्विसेज देता है। आरसीएस प्रोटोकॉल को मोबाइल डेटा और वाई-फाई दोनों के जरिए एक्सेस किया जा सकता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत का CPaaS (Communication-Platform-As-A-Service) मार्केट 2025 में करीब 1.01 बिलियन डॉलर का होगा। यह 2030 तक बढ़कर 3.06 बिलियन डॉलर पहुंच सकता है। और आने वाले समय में WhatsApp और RCS मिलकर भारत के कमर्शियल मैसेजिंग मार्केट का लगभग आधा हिस्सा अपने पास ले लेंगे, जिसकी कुल कीमत करीब 1.6 बिलियन डॉलर होगी। रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ RCS ही 2029 तक भारत में 544 मिलियन डॉलर की कमाई कर सकता है, और करीब 21 बिलियन RCS मैसेज भेजे जाएंगे। यह एशिया और ओशिनिया क्षेत्रों में होने वाली कुल RCS कमाई का लगभग 25% होगा। Airtel और Google की यह नई पार्टनरशिप भारत को मैसेजिंग टेक्नोलॉजी के एक नए दौर में ले जाएगी जहां बातचीत, बिजनेस और कम्युनिकेशन पहले से ज्यादा तेज, सुरक्षित और आधुनिक होंगे।