भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) Dream11 के जल्दी बाहर होने के बाद नए फ्रंट-ऑफ-जर्सी स्पॉन्सरशिप सौदों से ₹452 करोड़ जुटाने की योजना बना रहा है। फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफ़ॉर्म ने अपना कॉन्ट्रैक्ट समाप्त कर दिया, क्योंकि सरकार ने रियल मनी गेमिंग पर प्रतिबंध लगाया।
अब BCCI के सामने आगामी टूर्नामेंट्स, जैसे एशिया कप 2025 Asia cup 2025, से पहले नया स्पॉन्सर ढूंढने की चुनौती है।
Dream11 ने 2023 से सभी भारतीय राष्ट्रीय टीमों (पुरुष, महिला, U-19 और उभरते खिलाड़ी) के लिए लीड स्पॉन्सरशिप की थी, जिसकी कीमत ₹358 करोड़ थी। लेकिन नए कानून के तहत कंपनियों को रियल मनी गेमिंग को प्रमोट करने पर प्रतिबंध है। उल्लंघन करने पर ₹1 करोड़ तक जुर्माना और तीन साल जेल का प्रावधान है।
BCCI के सचिव देवाजित सैकिया BCCI secretary Debajit Saikia ने पुष्टि की कि Dream11 का बाहर होना इन नियमों का पालन करने के कारण हुआ। बोर्ड ने निर्णय लिया कि किसी प्रकार का जुर्माना नहीं लगाया जाएगा और अब स्पॉन्सरशिप की कमी को भरने के लिए विकल्प खोजे जा रहे हैं।
Board of Control for Cricket in India (BCCI) ने 2025 से 2028 तक तीन साल की फ्रंट-ऑफ-जर्सी स्पॉन्सरशिप डील की योजना बनाई है, जिसमें लगभग 140 मैच शामिल हैं:
भारत की घरेलू और विदेशी द्विपक्षीय श्रृंखलाएं
ICC टूर्नामेंट के मैच
एशियाई क्रिकेट काउंसिल (ACC) कार्यक्रमों के मैच
स्पॉन्सरशिप की दरें अनुमानित रूप से ₹3.5 करोड़ प्रति द्विपक्षीय मैच और ₹1.5 करोड़ प्रति ICC/ACC मैच तय की गई हैं। इसका मूल्य 2025–26 में ₹131 करोड़, 2026–27 में ₹162.5 करोड़ और 2027–28 में ₹158.5 करोड़ है।
Dream11 से पहले स्पॉन्सरशिप अधिकार Byju’s के पास थे, जिन्होंने द्विपक्षीय मैच के लिए ₹5.07 करोड़ और ICC/ACC मैच के लिए ₹1.56 करोड़ का भुगतान किया। इसके पहले, Oppo ने 2019 में स्पॉन्सरशिप की थी, जिसकी डील ₹1,079.29 करोड़ में थी। यह बताता है कि फ्रंट-ऑफ-जर्सी स्पॉन्सरशिप भारत में ब्रांड विज़िबिलिटी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
फ्रंट-ऑफ-जर्सी स्पॉन्सरशिप को खेल स्पॉन्सरशिप में सबसे मूल्यवान माना जाता है। एशिया कप की शुरुआत सितंबर में होने वाली है, इसलिए BCCI को जल्दी से जल्दी नया स्पॉन्सर तय करना होगा।
उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय क्रिकेट टीम की विशाल पहुंच और फैन इंगेजमेंट के कारण ब्रांड्स की मजबूत रुचि होगी। एशिया कप के बाद किए जाने वाले सौदे भी प्रीमियम रेट पर होंगे।
GroupM के आंकड़ों के अनुसार, भारत का स्पोर्ट्स स्पॉन्सरशिप मार्केट 2024 में ₹16,633 करोड़ तक पहुंच गया। क्रिकेट ने 85% हिस्सेदारी के साथ बाजार में बढ़त बनाई, हालांकि यह 2023 के 87% से थोड़ा कम है। प्रमुख रुझान:
टीम स्पॉन्सरशिप राजस्व: 5% बढ़कर ₹1,681 करोड़
ग्राउंड स्पॉन्सरशिप: 2% गिरकर ₹3,046 करोड़
ओलंपिक खेलों में बढ़ती स्पॉन्सरशिप, जो गैर-क्रिकेट खेलों में रुचि को दर्शाती है
इससे पता चलता है कि क्रिकेट स्पॉन्सरशिप की महत्ता कितनी अधिक है और BCCI का फ्रंट-ऑफ-जर्सी सौदों पर फोकस रणनीतिक है।
BCCI का ₹452 करोड़ का लक्ष्य दर्शाता है कि भारत में क्रिकेट स्पॉन्सरशिप कितनी प्रीमियम है, भले ही रियल मनी गेमिंग पर प्रतिबंध जैसी चुनौतियां हों। Dream11 के बाहर होने के बाद, बोर्ड पर बड़े टूर्नामेंट्स से पहले नया स्पॉन्सर तय करने का दबाव है। भारतीय क्रिकेट टीम की व्यापक पहुंच के कारण स्पॉन्सरशिप अधिकार ब्रांड्स के लिए अत्यधिक आकर्षक बने हुए हैं, जो भारत में क्रिकेट की मार्केटिंग प्रभुता को और मजबूत करते हैं।