कहते हैं न कि यदि हमारे इरादे मजबूत हों तो हम किसी भी चट्टान को एक दिन जरूर ज़मीन पर समतल कर देते हैं। यही कारनामा कर दिखाया है, मिस्र की एक छोटी सी बच्ची ने, जिसने वहां के शिक्षा मंत्रालय को उनकी नीतियों के कारण चुनौती दी। जिसने उन्हें यह मानने पर बाध्य किया किया कि किसी व्यक्ति के आधार पर विद्यालय में दाखिला मिलना चाहिए, न कि उम्र के आधार पर। एक बच्ची का शिक्षा के प्रति इतना समर्पित होना और बिना किसी डर के एक व्यवस्था को चुनौती देना तथा उसमें सफलता हांसिल करना यह बताता है कि पक्के इरादे हमें कभी भी असफल नहीं होने देते हैं।