अनुशासन इंसान को हर क्षेत्र में उन्नति प्रदान करता है। समय का ज्ञान और उसका सदुपयोग अनुशासन कहलाता है। और जब बात देश के कार्यों को संचालित करने की हो तो फिर संसद के सदस्यों को अनुशासित होना अनिवार्य हो जाता है और सांसद कितने पंक्चुअल हैं। इसी को पता लगाने के लिए राज्यसभा सभापति वैंकेया नायडू ने कुछ समय पहले एक सर्वे कराने के निर्देश दिए थे। जिसके परिणाम काफी दिलचस्प और सकारात्मक हैं, 78 फीसदी राज्यसभा सांसदों ने किसी न किसी बैठक में सदन की कार्यवाही में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। करीब 2 फीसदी सांसद ऐसे हैं, जिनकी 100 फीसदी उपस्थिति नहीं रही है। वहीं 75 साल के AIADMK राजयसभा सदस्य एसआर बालासुब्रमण्यम ही एक ऐसे सांसद रहे, जिन्होंने सर्वे पीरियड में शामिल हुए 7 सेशन की सभी 138 बैठकों में हिस्सा लिया है।