YouTube, जो दुनिया का सबसे बड़ा वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म है, लगातार अपनी नीतियों में बदलाव कर रहा है ताकि कंटेंट की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सके और असली क्रिएटर्स को आगे लाया जा सके।
15 जुलाई 2025 से YouTube एक बड़ी मोनेटाइजेशन पॉलिसी लागू करने जा रहा है, जो सीधे उन क्रिएटर्स को प्रभावित करेगी जो दोहराए गए, कम मेहनत वाले या पूरी तरह AI से बने वीडियो के ज़रिए कमाई कर रहे हैं।
2024 के अंत तक YouTube पर हर मिनट करीब 500 घंटे का नया वीडियो अपलोड हो रहा था। इस भारी मात्रा में कंटेंट में से बड़ी संख्या में ऐसे वीडियो सामने आ रहे थे जो मौलिक नहीं थे—या तो पहले से मौजूद वीडियो का रीमिक्स थे, या सिर्फ स्लाइडशो और ऑटोमैटिक वॉयसओवर के जरिए बनाए गए थे।
इससे न सिर्फ दर्शकों का भरोसा कम हो रहा था, बल्कि ब्रांड्स और विज्ञापनदाताओं की विश्वसनीयता भी खतरे में पड़ रही थी।
YouTube की नई पॉलिसी YouTube's new policy का मुख्य उद्देश्य एक 'authentic creator economy' को बढ़ावा देना है, जिसमें असली मेहनत, क्रिएटिव सोच और उपयोगी जानकारी रखने वाले कंटेंट को प्राथमिकता दी जाए।
15 जुलाई 2025 से लागू हो रहे इस अपडेट के तहत अब सिर्फ उन्हीं वीडियो को मोनेटाइज किया जाएगा जो दर्शकों को कुछ नया दें—चाहे वह शिक्षा हो, मनोरंजन हो या विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण।
इस अपडेट के जरिए YouTube उन क्रिएटर्स को सपोर्ट करना चाहता है जो अपने वीडियो में कुछ नया, रचनात्मक और दर्शकों से जुड़ने वाला कंटेंट लाते हैं।
इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि YouTube ने यह बदलाव क्यों किया है, किन प्रकार के (कंटेंट) वीडियो इससे प्रभावित होंगे, और क्रिएटर्स को आगे सफल होने के लिए, मोनेटाइज बने रहने के लिए क्या करना चाहिए।
YouTube, जो दुनिया का सबसे बड़ा और प्रभावशाली वीडियो प्लेटफॉर्म है, 15 जुलाई 2025 से अपने YouTube Partner Program (YPP) में बड़ा बदलाव ला रहा है। इस बदलाव का मकसद ऐसे कंटेंट की मोनेटाइजेशन रोकना है जो दोहराया गया हो, कम गुणवत्ता वाला हो या जिसमें मौलिकता न हो।
YouTube अब उन असली क्रिएटर्स को सपोर्ट करना चाहता है जो कुछ नया, रचनात्मक और उपयोगी कंटेंट बनाते हैं। यह बदलाव YouTube की उस कोशिश का हिस्सा है जिसके तहत वह एक साफ-सुथरा और क्रिएटिव माहौल बनाना चाहता है, जहां ओरिजिनल और दर्शकों को जोड़ने वाला कंटेंट प्राथमिकता में हो, न कि दोबारा इस्तेमाल किया गया या AI से बनाया गया कंटेंट।
AI से बनाए गए स्लाइडशो, जिनमें न इंसानी रचनात्मकता हो न वॉयसओवर या कमेंट्री।
रिएक्शन मिक्स वीडियो, जो बस दूसरों के कंटेंट को जोड़कर बनते हैं।
जरूरत से ज़्यादा एडिट किए गए पुराने या कॉपीराइट वाले वीडियो, जो खुद से कुछ नहीं जोड़ते।
YouTube की नई गाइडलाइंस इस बात को सुनिश्चित करेंगी कि विज्ञापनों से मिलने वाली कमाई केवल उन लोगों को मिले जो वाकई में मौलिक और मेहनत से बना हुआ कंटेंट तैयार करते हैं। अब वीडियो में क्रिएटिव एफर्ट और कुछ अलग सोच दिखना ज़रूरी होगा, तभी वे मोनेटाइज किए जाएंगे।
अब केवल वही वीडियो मोनेटाइज किए जाएंगे जो दर्शकों को कुछ नया दें—चाहे वो शिक्षा से जुड़ा हो, मनोरंजन से या विचारों से। इस पॉलिसी का मकसद है कि प्लैटफॉर्म पर भर-भर कर आने वाले एक जैसे कंटेंट को रोका जाए और उन क्रिएटर्स को आगे बढ़ाया जाए जो वाकई में दर्शकों के लिए वैल्यू क्रिएट करते हैं।
अगर आप एक YouTube क्रिएटर हैं, तो अब यह ज़रूरी है कि आप ऐसा कंटेंट बनाएं जो ओरिजिनल हो, जानकारी से भरपूर हो और जिसमें आपकी खुद की सोच और मेहनत दिखे। अब सिर्फ वीडियो बनाना काफी नहीं, बल्कि दर्शकों को कुछ नया देने की जरूरत है।
Also Read: 2025 में सोशल मीडिया से बिज़नेस कैसे बढ़ाएं: जानिए असरदार तरीके
YouTube की नई पॉलिसी का मकसद है असली और ओरिजिनल कंटेंट बनाने वाले क्रिएटर्स को बढ़ावा देना। पिछले कुछ सालों में प्लेटफॉर्म पर ऐसे वीडियो की बाढ़ आ गई थी जो बार-बार दोहराए गए थे या जिनमें बहुत कम मेहनत की गई थी। ये सिर्फ कमाई के लिए बनाए जाते थे। YouTube अब चाहता है कि सिर्फ वही लोग कमाई करें जो वाकई में दर्शकों को कुछ नया और उपयोगी देते हैं।
हर दिन लाखों वीडियो YouTube पर अपलोड होते हैं, जिनमें से कई स्पैम, भ्रामक थंबनेल और क्लिकबेट टाइटल वाले होते हैं। इस तरह के कंटेंट से दर्शकों को धोखा होता है और प्लेटफॉर्म की गुणवत्ता भी गिरती है। नई पॉलिसी का उद्देश्य ऐसे कंटेंट को कम करना है ताकि यूज़र को भरोसेमंद और सही जानकारी वाला वीडियो ही मिले।
बहुत से यूज़र्स ने शिकायत की है कि उन्हें बार-बार वही पुराना या बेकार कंटेंट देखने को मिल रहा है। इससे देखने का मजा खराब होता है। YouTube अब ऐसे वीडियो को मोनेटाइज नहीं करेगा जिनमें कोई नई जानकारी या वैल्यू नहीं होती। इससे दर्शकों का अनुभव बेहतर होगा और पूरी प्लेटफॉर्म की गुणवत्ता भी सुधरेगी।
YouTube अब ऐसा माहौल बनाना चाहता है जिसमें असली कंटेंट क्रिएटर्स को पहचान और कमाई दोनों मिले। इससे दर्शकों को बेहतर वीडियो देखने को मिलेंगे और फालतू, कॉपी किए गए कंटेंट से छुटकारा मिलेगा।
ऐसे क्रिएटर्स जो लोगों को जानकारी देते हैं, स्टेप-बाय-स्टेप ट्यूटोरियल बनाते हैं या ऐसी चीज़ें सिखाते हैं जो किसी की समस्या हल कर सकें, उनका कंटेंट आगे भी मोनेटाइज होता रहेगा। यह कंटेंट उपयोगी होता है और लोगों की मदद करता है, इसलिए YouTube इसे सपोर्ट करता है।
कॉमेडी स्किट, म्यूजिक परफॉर्मेंस या खुद की कहानी सुनाने जैसे वीडियो जिनमें कुछ नया और रचनात्मक हो, उन्हें मोनेटाइजेशन का फायदा मिलेगा। ऐसे वीडियो जो मेहनत से बनाए गए हों और जिनमें आपकी खुद की सोच झलकती हो, YouTube उन्हें आगे बढ़ावा देगा।
अब YouTube उन वीडियो को प्राथमिकता देगा जिनमें नए विजुअल्स, खुद से बनाया गया ऑडियो और नया कंटेंट हो। ऐसे वीडियो जो बस पुराने वीडियो को रीमिक्स या एडिट करके बनाए गए हों, बिना कोई नयापन दिए, उन्हें मोनेटाइज नहीं किया जाएगा।
YouTube Partner Program (YPP) के लिए पात्र बनने के लिए अब क्रिएटर्स को नीचे दिए गए में से किसी एक मानक को पूरा करना होगा:
1,000 सब्सक्राइबर और पिछले 12 महीनों में 4,000 घंटे का वैध पब्लिक वॉच टाइम
या
पिछले 90 दिनों में 1 करोड़ वैध पब्लिक Shorts व्यूज़
सिर्फ सब्सक्राइबर और वॉच टाइम का आंकड़ा पूरा करना अब काफी नहीं है। YouTube अब यह भी देखेगा कि आपका कंटेंट कितना ओरिजिनल और उपयोगी है। यह बदलाव यह दिखाता है कि अब YouTube सिर्फ आंकड़ों पर नहीं, बल्कि आपके क्रिएटिव एफर्ट और क्वालिटी पर ध्यान देगा।
YouTube अब ऐसे कंटेंट को मोनेटाइज करेगा जो न सिर्फ उपयोगी हो बल्कि जिसमें आपकी खुद की सोच और मेहनत साफ दिखाई दे। इसका मकसद है कि असली क्रिएटर्स को पहचान और कमाई दोनों मिले, और दर्शकों को अच्छा और भरोसेमंद कंटेंट देखने को मिले।
अगर आप किसी और का वीडियो लेकर उसे थोड़ा एडिट करके अपलोड करते हैं—जैसे बैकग्राउंड म्यूजिक जोड़ना, वीडियो की स्पीड बदलना या थोड़ा क्रॉप करना—तो अब ऐसे वीडियो मोनेटाइज नहीं होंगे। YouTube अब ऐसे कंटेंट को नहीं चलने देगा जिसमें कोई नई जानकारी या मेहनत न हो।
आजकल बहुत से क्रिएटर्स AI टूल्स का इस्तेमाल करके स्लाइडशो या वॉइसओवर तैयार कर लेते हैं। लेकिन अगर आपका कंटेंट पूरी तरह मशीन से बना है और उसमें इंसानी रचनात्मकता नहीं है, तो वह मोनेटाइज के लायक नहीं माना जाएगा।
ऐसे चैनल जो एक ही तरह के वीडियो बार-बार अपलोड करते हैं, बिना कुछ नया जोड़े, अब उनकी कमाई बंद हो सकती है। YouTube अब ऐसे स्पैम कंटेंट को रोकना चाहता है जिससे दर्शकों को कोई फायदा नहीं होता।
YouTube अब ये साफ संदेश दे रहा है कि प्लेटफॉर्म पर सफलता पानी है तो इंसानी सोच और क्रिएटिविटी ज़रूरी है। अगर आप AI का इस्तेमाल करते हैं तो भी यह ज़रूरी है कि अंतिम वीडियो में आपकी मेहनत, विचार और ओरिजिनल टच दिखाई दे।
अब उन दिनों का अंत हो रहा है जब लोग बिना कुछ नया बनाए सिर्फ कॉपी-पेस्ट से कमाई कर लेते थे। YouTube अब शॉर्टकट अपनाने वालों को हतोत्साहित कर रहा है और ऐसे कंटेंट को बढ़ावा देना चाहता है जो लंबे समय तक चल सके और दर्शकों को सच में कुछ दे सके।
YouTube चाहता है कि क्रिएटर्स ओरिजिनल और मेहनत से बना कंटेंट बनाएं, जो दर्शकों के लिए फायदेमंद और दिलचस्प हो। अब कॉपी-पेस्ट और कम मेहनत वाले वीडियो से कमाई करना मुश्किल होगा। प्लेटफॉर्म की नई दिशा उन क्रिएटर्स के लिए बेहतर अवसर लेकर आएगी जो वाकई कुछ अलग और सच्चा देना चाहते हैं।
विज्ञापनदाता हमेशा इस बात को लेकर चिंतित रहते हैं कि उनके विज्ञापन किस तरह के कंटेंट के साथ दिखाए जा रहे हैं। YouTube ने जब से कड़े मोनेटाइजेशन नियम लागू किए हैं, तब से यह सुनिश्चित हो गया है कि ब्रांड के विज्ञापन सिर्फ भरोसेमंद, ओरिजिनल और अच्छे कंटेंट के साथ ही दिखें। इससे विज्ञापनदाताओं का भरोसा बना रहता है।
YouTube एक भरोसेमंद प्लेटफॉर्म बना रहे, इसके लिए ज़रूरी है कि उस पर सही, ओरिजिनल और उच्च गुणवत्ता वाले वीडियो मौजूद हों। नई पॉलिसी से भ्रामक या गलत जानकारी वाले वीडियो हटेंगे और दर्शकों का भरोसा भी बढ़ेगा।
जो क्रिएटर्स अब तक पुराने कंटेंट को दोबारा इस्तेमाल करके वीडियो बनाते थे, उन्हें अब अपनी रणनीति बदलनी होगी। अब समय है कि आप किसी खास विषय (niche) पर ध्यान दें, खुद की कहानी सुनाएं और कंटेंट की गुणवत्ता को सुधारे
अगर आप किसी मौजूदा फुटेज के साथ काम कर रहे हैं, तो उसमें अपना मूल्य जरूर जोड़ें। उदाहरण के लिए—आपकी टिप्पणी, समीक्षा या जानकारी देना। सिर्फ क्लिप काटना या उसका फॉर्मेट बदलना अब पर्याप्त नहीं है।
अपना एक अलग स्टाइल और आवाज़ (voice) बनाएं, जिससे लोग आपके कंटेंट को तुरंत पहचान सकें। YouTube अब ऐसे क्रिएटर्स को बढ़ावा दे रहा है जो किसी ट्रेंड को कॉपी करने की बजाय अपनी अनोखी सोच और पहचान के साथ वीडियो बनाते हैं।
YouTube अब ऐसे कंटेंट को महत्व दे रहा है जो असली हो, मेहनत से बना हो और जिसमें कुछ नया सीखने या समझने को मिले। इसलिए अगर आप एक क्रिएटर हैं, तो अब समय है खुद पर, अपनी स्टोरीटेलिंग और क्वालिटी पर फोकस करने का। इससे न केवल दर्शकों का भरोसा बढ़ेगा, बल्कि आपकी कमाई भी स्थायी होगी।
YouTube की यह नई पॉलिसी किसी को सज़ा देने के लिए नहीं है, बल्कि एक बेहतर और समझदार कंटेंट माहौल बनाने की दिशा में कदम है। यह बदलाव क्रिएटर्स को इस बात के लिए प्रेरित करता है कि वे सिर्फ ज्यादा वीडियो अपलोड करने के बजाय अच्छे, उपयोगी और गुणवत्तापूर्ण कंटेंट पर ध्यान दें। इससे YouTube पर लंबे समय तक ग्रोथ होगी, यूज़र्स का अनुभव बेहतर होगा और एक हेल्दी क्रिएटिव इकॉनमी बनेगी।
जो क्रिएटर्स लगातार ओरिजिनल और मतलब भरा कंटेंट बनाते हैं, उन्हें इस बदलाव से सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा। जब कम मेहनत वाले और दोहराए गए वीडियो हटेंगे, तो असली क्रिएटर्स को ज्यादा लोगों तक पहुंचने और अच्छी कमाई करने का मौका मिलेगा।
YouTube अब गुणवत्ता को प्राथमिकता दे रहा है। इसका मतलब है कि जो क्रिएटर्स वाकई में कुछ नया, सच्चा और उपयोगी बनाते हैं, उनके लिए यह समय आगे बढ़ने का है। यह बदलाव सभी के लिए एक बेहतर और भरोसेमंद प्लेटफॉर्म तैयार करेगा।
YouTube जब भी अपनी पॉलिसी में बदलाव करता है, तो अक्सर बहस शुरू हो जाती है। लेकिन ये बदलाव जरूरी होते हैं ताकि प्लेटफॉर्म समय के साथ बेहतर बना रहे। चाहे वो नई टेक्नोलॉजी से जुड़ी बात हो या क्रिएटर्स और विज्ञापनदाताओं के बीच भरोसा बनाए रखना—इन बदलावों का मकसद YouTube को ज्यादा जिम्मेदार, उपयोगी और भरोसेमंद बनाना होता है। आइए जानते हैं कि YouTube अपने कंटेंट और मोनेटाइजेशन नियमों में बदलाव क्यों करता रहता है।
YouTube का मुख्य उद्देश्य है लोगों को अपनी बात दुनिया तक पहुंचाने का मौका देना। इसी उद्देश्य को मजबूत करने के लिए YouTube अब सख्त मोनेटाइजेशन नियम लागू कर रहा है, ताकि सिर्फ वही कंटेंट कमाई कर सके जो ओरिजिनल हो और जिसमें कुछ मूल्य जोड़ा गया हो।
इस अपडेट के अनुसार, YouTube अब ऐसे वीडियो को मोनेटाइज नहीं करेगा जो बार-बार दोहराए गए हों, कॉपी किए गए हों या जिन्हें बिना मेहनत के बनाया गया हो। इसमें AI से बने या बहुत ही कम एडिट किए गए वीडियो शामिल हैं जिनमें कोई कमेंट्री, बदलाव या मूल्य नहीं जोड़ा गया हो। इसका उद्देश्य है उन क्रिएटर्स को इनाम देना जो समय और रचनात्मकता लगाकर अच्छा कंटेंट बनाते हैं—not सिर्फ पुराने वीडियो फिर से अपलोड करने वाले।
YouTube पर हर दिन लाखों वीडियो अपलोड होते हैं और अरबों लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में प्लेटफॉर्म की विश्वसनीयता बनाए रखना बेहद जरूरी है। इसलिए YouTube बार-बार अपनी पॉलिसी अपडेट करता है ताकि स्पैम चैनल, क्लिकबेट वीडियो और झूठे थंबनेल पर लगाम लगाई जा सके।
YouTube पर कंटेंट की गुणवत्ता बनाए रखने से न सिर्फ दर्शकों का भरोसा कायम रहता है, बल्कि विज्ञापनदाता भी संतुष्ट रहते हैं। जब नियम सख्ती से लागू होते हैं, तो यह सुनिश्चित होता है कि YouTube एक भरोसेमंद जगह बना रहे जहां दर्शक और ब्रांड दोनों ही आराम से जुड़ सकें।
YouTube के नियम स्थायी नहीं होते। ये समय-समय पर बदलते रहते हैं, खासकर तब जब चुनाव, स्वास्थ्य संकट या सामाजिक आंदोलन जैसी बड़ी घटनाएं हो रही हों। ऐसे समय में YouTube संवेदनशील या विवादित कंटेंट को लेकर अपनी नीति में बदलाव कर सकता है।
अब YouTube कुछ ऐसे वीडियो को प्लेटफॉर्म पर रहने की अनुमति देता है जो भले ही विवादास्पद हों, लेकिन अगर वे जनता के हित में हैं—जैसे खबरें, सामाजिक जानकारी या विचारों की अभिव्यक्ति—तो उन्हें हटाया नहीं जाएगा। इससे पता चलता है कि YouTube अब कंटेंट को केवल नियमों से नहीं, बल्कि उसके संदर्भ (context) को समझकर मॉडरेट कर रहा है।
YouTube की कमाई का सबसे बड़ा स्रोत विज्ञापन है। इसलिए यह जरूरी है कि विज्ञापनदाताओं को ऐसा प्लेटफॉर्म मिले जहां उनका ब्रांड सुरक्षित महसूस करे। अगर किसी वीडियो में नफरत फैलाने वाली बातें, गलत जानकारी या आपत्तिजनक दृश्य हों, तो उससे विज्ञापनदाताओं का भरोसा टूट सकता है।
YouTube ऐसे वीडियो या चैनलों की मोनेटाइजेशन बंद कर देता है जो नियमों का उल्लंघन करते हैं। इससे यह सुनिश्चित होता है कि किसी ब्रांड का नाम गलती से गलत कंटेंट से न जुड़ जाए। यह तरीका न सिर्फ विज्ञापनदाताओं को भरोसा देता है बल्कि क्रिएटर्स और प्लेटफॉर्म दोनों की कमाई को भी सुरक्षित करता है।
AI से बने वीडियो, डीपफेक और सिंथेटिक मीडिया की बढ़ती संख्या ने YouTube को अपनी कंटेंट नीतियां दोबारा सोचने पर मजबूर कर दिया है। अगर साफ़ नियम न हों, तो असली और नकली, या अच्छा और बेकार कंटेंट में फर्क करना मुश्किल हो जाता है।
YouTube की पॉलिसी अपडेट्स इस बात को सुनिश्चित करती हैं कि प्लेटफॉर्म बदलते ट्रेंड्स और तकनीकों के साथ खुद को ढाल सके। इससे YouTube भविष्य में भी प्रासंगिक बना रहेगा और अन्य प्लेटफॉर्म्स से पीछे नहीं हटेगा।
YouTube की 15 जुलाई 2025 वाली पॉलिसी यह साफ कर देती है कि अब सफलता उन्हीं को मिलेगी जो ओरिजिनल और गुणवत्तापूर्ण कंटेंट बनाएंगे। आज की डिजिटल दुनिया में, जहां हर जगह डुप्लीकेट और AI से बना कंटेंट है, वहीं ओरिजिनल सोच और मेहनत ही सबसे बड़ी ताकत होगी। जो क्रिएटर्स इस बदलाव को अपनाएंगे और नए तरीके से काम करेंगे, उनके पास खुद को साबित करने, आगे बढ़ने और लंबे समय तक टिके रहने का बेहतरीन मौका है।