विश्व हिंदी दिवस -10 जनवरी

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10 Jan 2022
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भारत कि मात्र भाषा हिंदी को हर साल 10 जनवरी को ही विश्व हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है और इसका क्या महत्व है? ये सवाल आपकी तरह और कई लोगों के मन में भी होगा तो आज हम इस पोस्ट में हिंदी दिवस से जुड़े सारे तथ्यों के बारे में बात करेंगे |

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भारत देश की मातृ भाषा Mother tongue हिंदी है और सब लोग हिंदी को बड़े गर्व और प्यार के साथ बोलते हैं आज के समय कि बात करें तो आज हमारे जीवन में हमारी मातृ भाषा के साथ -साथ इंग्लिश भी जरुरी हो गई है| इसलिए अब ज़्यादातर लोग अंग्रेजी को बढ़ावा दे रहें हैं और हिंदी भाषा का प्रयोग कम कर रहे हैं हालांकि, अंग्रेजी जैसी भाषा भी साथ में चलती है, लेकिन हिंदी का अपना अलग महत्व है। अंग्रेजी के इस बढ़ते ट्रैंड को देखें तो ये भविष्य में हमारी मात्रा भाषा के लिए खतरा बन सकता है। आज भी देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए कई स्तर पर काम किया जाता है। हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए आज भी कई कार्यक्रम आयोजित करवाए जाते हैं। यही कारण जो आज 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जा रहा है। लेकिन क्या आपको पता है की विश्व हिंदी दिवस सिर्फ़ आज के ही दिन यानि 10 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है? यदि आपका जवाब नहीं हैं तो आइए जानते है इसके पीछे जुड़ी वजह के कारण को और साथ ही इसे मनाने के इतिहास के बारे में भी जानेंगे।

आज यानि 10 जनवरी ही क्यों ?

तो दोस्तों सबसे पहले तो आप ये जानने के लिए उत्सुक होंगे कि आख़िर 10 जनवरी ही क्यों तो दरअसल, हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2006 में 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाने कि घोषणा कि थी। जिसके बाद से ये दिन हर बार इसी तारिक को मनाया जाता है।

विश्व हिंदी दिवस का इतिहास

अगर विश्व हिंदी दिवस के इतिहास कि बात करें तो ये पहले 10 जनवरी को विश्व हिंदी सम्मेलन की वर्षगांठ को चिन्हित करने के लिए विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। ये सम्मेलन सबसे पहले नगापुर और महाराष्ट्र में साल 1975 में आयोजित किया गया था जिसमें 30 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था।

विश्व हिंदी दिवस को मनाने का महत्व

आपको बता दें आज के इस दिन को भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में मनाया जाता है आज के दिन विदेश में कई हिंदी भाषा से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बड़े हर्षो-उल्लास साथ मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचना है जैसा कि हमने इसके इतिहास के बारे में आपको ऊपर बताया कि इस दिन को सबसे पहले 2006 में 10 जनवरी को मनाया था और भारत में हिंदी दिवस को 14 सिंतबर को मनाया जाता है।

नॉर्वे से हुई इसकी शुरुआत

सबसे पहले विश्व हिंदी दिवस world hindi day को मनाने का प्रस्ताव 10 जनवरी 1975 में रखा गया था लेकिन फिर पूर्व प्रधामंत्री मनमोहन सिंह Prime Minister Manmohan Singh ने इसे 2006 में 10 जनवरी को मनाने कि घोषणा कि और इस दिवस को सबसे पहले विदेश में भारतीय लोगों के बीच मनाया गया जिसकी शुरुआत सबसे पहले नॉर्वे Norway से हुई। यह विदेश के सैकड़ो स्कूलों में मनाया जाता है। जहाँ हिंदी पढ़ाई जाती है ।

कोरना के कारण वर्चुअल सम्मेलन

इस दिन हिंदी भाषा के महत्व पर जागरूक करने के लिए और हिंदी भाषा को महत्व देने और प्रचार-प्रसार के लिए कई स्तर पर कार्यक्रम किए जाते थे। लेकिन कोरोना काल होने की वजह से अब ये कार्यक्रम वर्चुअल हो चुके हैं। इस कार्यक्रम में निबंध प्रतियोगिता, वाद-विवाद, चर्चा और हिंदी भाषा से जुड़े कई संस्कृत कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। जिसमें कई प्रतियोगी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं साथ ही विश्व में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए कई कदम उठाने जैसे निर्णय भी इसी दिन लिए जाते हैं।अंत में हिंदी भाषा हमारे भारत कि मात्र भाषा है जिससे इतने संघर्ष और कड़ी मेहनत के बाद चुना गया था वो आज पूरी दुनिया में सबसे ज़्यादा बोले जाने वाली भाषा में 5 स्थान पर है जो भारतीयों के लिए एक गौरव की बात है।तो दोस्तों हमेशा याद रखें ये भाषा आपकी मात्र भाषा है इसलिए जितना हो सके उतना इसका प्रयोग करें।

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