संयुक्त राष्ट्र, वैज्ञानिक और संस्कृतिक संगठन United Nations, Scientific and Cultural Organization द्वारा शिक्षा पाठक्रम को बढ़ावा देने के लिए हर साल 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस मनाया जाता है। यह दिवस 23 अप्रैल को इसीलिए मनाया जाता है क्योंकि आज के दिन महान लेखक विलियम शेक्सपियर William Shakespeare , मिगुएल डे सर्वेंट्स Miguel de Cervantes और जोसेप प्ला Josep Pla का निधन हुआ था और मेजिया वैलेजो Mejia Vallejo और मौरिस ड्रोन Maurice Drone का जन्म हुआ था।
हमें बचपन से ही यह सिखाया जाता है कि किताबों Books को अपना सच्चा दोस्त बनाओ। किताबें आपसे ना कोई मांग करती हैं और ना ही कोई शिकायत No complaints, No demands, आप जब भी इनके साथ वक्त बिताओगे, ढेर सारा ज्ञान पाओगे। किताबें पढ़कर आप बहुत कुछ सीखते हैं और किसी ने सच ही कहा है कि किताबों के बिना ज्ञान अधूरा है।
किताबें सिर्फ आपके ज्ञान का स्तर नहीं बढ़ाती है, इसके साथ-साथ वे आपको जीवन में आई हर मुश्किलों का सामना करने का हौसला भी देती हैं इसीलिए हमें बचपन से ही कहानियां, आत्मकथा और उपन्यास पढ़ने के लिए कहा जाता है। किताबें पढ़ने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करने के लिए हर वर्ष 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस world book day and copyright day मनाया जाता है। आइए इस दिन के बारे में जानते हैं-
संयुक्त राष्ट्र, वैज्ञानिक और संस्कृतिक संगठन United Nations, Scientific and Cultural Organization द्वारा शिक्षा पाठक्रम को बढ़ावा देने के लिए हर साल 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस मनाया जाता है। यह दिवस 23 अप्रैल को इसीलिए मनाया जाता है क्योंकि आज के दिन महान लेखक विलियम शेक्सपियर William Shakespeare , मिगुएल डे सर्वेंट्स Miguel de Cervantes और जोसेप प्ला Josep Pla का निधन हुआ था और मेजिया वैलेजो Mejia Vallejo और मौरिस ड्रोन Maurice Drone का जन्म हुआ था।
यूनेस्को UNESCO द्वारा पहली बार विश्व पुस्तक दिवस की शुरुआत 23 अप्रैल, 1995 से हुई थी। दरअसल, इस दिन कुछ महान लेखक विलियम शेक्सपियर, मिगुएल डे सर्वेंट्स और जोसेप प्ला की पुण्यतिथि है और मैनुअल मेजिया वैलेजो और मौरिस ड्रोन का इसी दिन जन्म हुआ था। इन लेखकों का साहित्य में सराहनीय योगदान है और इन लेखकों की याद में हर साल 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस मनाया जाता है। अप्रैल 1995 में पेरिस में यूनेस्को UNESCO की जनरल कॉन्फ्रेंस के दौरान इस दिवस को मनाने के बारे में घोषणा की गयी थी।
हर साल यूनेस्को विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस पर एक थीम जारी करता है। इस थीम की मदद से लोगों को पुस्तक से प्रेम करने में मदद मिलती है और लोगों का किताबों के प्रति प्यार और बढ़ता है। इस साल की थीम है, रीड… सो यू नेवर फील एलोन read… so you never feel alone.
यह बात तो हम सब जानते हैं कि जिस देश की साक्षरता दर सबसे अधिक होती है वहां विकास की सम्भावना सबसे अधिक होती है और साक्षरता ही देश को विकास के रास्ते पर ला सकती है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों में किताबों के प्रति प्यार को बढ़ाना है और किताबों के प्रति रुचि जगाना है क्योंकि ऐसा करने से साक्षरता दर अधिक होगी।
जॉर्ज आरआर मार्टिन George R. R. Martin (American novelist) ने किताबों को लेकर जो कहा है वह काफी प्रसिद्ध है, उन्होंने कहा था कि एक पाठक मरने से पहले एक हजार जिंदगियां जीता है..जो व्यक्ति कभी नहीं पढ़ता है वह केवल एक ही ज़िंदगी जीता है।
किताबों के बारे में कहा जाता है कि ये इंसान की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं क्योंकि ये ना आपसे कोई शिकायत करती हैं और ना ही कभी कोई मांग करती हैं।
सबसे कम उम्र में नोबेल शांति पुरस्कार Nobel peace prize विजेता मलाला यूसुफजई अपनी आत्मकथा ‘आइ एम मलाला’ I am Malala में लिखती हैं कि उन्हें दुनिया की सभ्यता-संस्कृति, सामाजिक स्थिति आदि के बारे में जो कुछ भी पता चल पाया है, वह सिर्फ किताबों की वजह से क्योंकि उन्हें बचपन से ही किताबें पढ़ने का शौक था। उन्होंने अपनी आत्मकथा में ये भी बताया है जब वह ग्यारह साल की थीं तो उन्होंने अपनी दोस्त के गहने चुरा लिए थे और इसी तरह उन्हें धीरे-धीरे चोरी की बुरी लत लग गई थी लेकिन उन्होंने बचपन में महात्मा गांधी Mahatma Gandhi की कई किताबों को पढ़ा था और उसमें गांधी जी ने कहा था कि अपनी इच्छाशक्ति के बल पर मनुष्य हर बुरी आदत को खत्म कर सकता है। उन्होंने ठान लिया कि अब से वह कभी भी चोरी नहीं करेंगी। मलाला यह भी बताती हैं कि महान लोगों की आत्मकथा पढ़ने से भी उनके जीवन में कई सकारात्मक बदलाव आए। उन्हें यह समझ में आया कि कभी भी असफलता मिलने पर विचलित नहीं होना चाहिए और एक बार फिर से पूरी लगन के साथ प्रयास करना चाहिए।
किताबें एक सच्चे मित्र की तरह हमेशा आपका साथ देती हैं और बुरी आदतों को दूर करने में आपकी मदद करती हैं।
निष्कर्ष
23 अप्रैल को लेकर दुनिया भर के छात्रों, लेखकों तथा पब्लिशर्स में काफी उत्साह देखने को मिलता है। कई जगहों पर पुस्तक मेला लगता है और कई जगहों पर कम दाम में किताबें बांटी जाती हैं। लोगों में पुस्तक प्रेम को जागृत करने के लिए स्कूलों या फिर सार्वजनिक स्थलों पर प्रदर्शनियां लगाईं जाती हैं।
किताबें आपके जीवन को बेहतर और आसान बनाती हैं। किताबें सिर्फ आपके ज्ञान का स्तर नहीं बढ़ाती है, इसके साथ-साथ वे आपको जीवन में आई हर मुश्किलों का सामना करने का हौसला भी देती हैं इसीलिए हम सबको कहानियां, उपन्यास और आत्मकथा पढ़नी चाहिए।
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