रिटायरमेंट एक ऐसा समय होता है जिसका हर कोई इंतजार करता है, लेकिन इस समय को आर्थिक रूप से सुरक्षित और आरामदायक बनाने के लिए सही प्लानिंग और बचत बहुत जरूरी होती है।
आज के समय में जीवन प्रत्याशा बढ़ रही है और स्वास्थ्य सेवाएं महंगी होती जा रही हैं, ऐसे में रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी को चिंता-मुक्त बनाना पहले से ज्यादा जरूरी हो गया है।
भारत में सरकार कई रिटायरमेंट योजनाएं पेश करती है जो अलग-अलग लोगों की आर्थिक जरूरतों, लक्ष्य और जोखिम उठाने की क्षमता के अनुसार बनाई गई हैं। इन योजनाओं में टैक्स छूट के फायदे भी मिलते हैं और साथ ही यह बाजार की उतार-चढ़ाव वाली स्थिति से आपकी पूंजी की सुरक्षा भी करती हैं।
चाहे आप नौकरी की शुरुआत कर रहे हों, रिटायरमेंट के करीब हों या पहले ही रिटायर हो चुके हों, आपके लिए एक उपयुक्त सरकारी योजना जरूर मौजूद है।
इस गाइड में हम भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही कुछ प्रमुख रिटायरमेंट योजनाओं Major Retirement Plans की जानकारी देंगे। इनमें उनके फायदे, पात्रता शर्तें और यह कैसे आपकी रिटायरमेंट को आर्थिक रूप से मजबूत बना सकती हैं—सब कुछ सरल भाषा में समझाया गया है।
ये योजनाएं सिर्फ नौकरीपेशा लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों के लिए भी काफी मददगार साबित हो सकती हैं।
आइए जानते हैं कि आज के समय में कौन-कौन सी बेस्ट सरकारी रिटायरमेंट स्कीमें Best Government Retirement Schemes मौजूद हैं जो आपके सुनहरे भविष्य को सुरक्षित बना सकती हैं।
रिटायरमेंट की प्लानिंग करना आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और सुकून भरी ज़िंदगी जीने के लिए बहुत जरूरी है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है और मेडिकल खर्च बढ़ते हैं, वैसे-वैसे एक मजबूत फाइनेंशियल प्लान बनाना पहले से भी ज्यादा जरूरी हो जाता है।
भारत सरकार ऐसी कई रिटायरमेंट योजनाएं चलाती है जो अलग-अलग आय वर्ग और जोखिम सहने की क्षमता वाले लोगों के लिए फायदेमंद हैं। इन योजनाओं में टैक्स में छूट, निश्चित रिटर्न और आर्थिक सुरक्षा जैसे फायदे मिलते हैं, जिससे रिटायरमेंट के बाद की ज़िंदगी चिंता-मुक्त बन सकती है।
कर्मचारी भविष्य निधि यानी EPF, भारत में वेतनभोगी लोगों के लिए सबसे भरोसेमंद और सुव्यवस्थित रिटायरमेंट बचत योजना मानी जाती है। इसे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा संचालित किया जाता है। इसका मकसद यह है कि कर्मचारी रिटायरमेंट तक एक मजबूत फंड बना सकें, जिसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का योगदान होता है।
इस योजना के तहत कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों कर्मचारी की बेसिक सैलरी और डिअरनेस अलाउंस का 12% हिस्सा हर महीने जमा करते हैं।
यह पैसा समय के साथ ब्याज के साथ बढ़ता है और एक बड़ा रिटायरमेंट फंड तैयार होता है।
EPF पर हर साल 8.25% ब्याज मिलता है, जो सरकार समय-समय पर तय करती है। यह ब्याज सालाना कंपाउंड होता है, जिससे लंबी अवधि में अच्छी बचत होती है।
EPF की मैच्योरिटी 58 साल की उम्र में होती है, जिसके बाद एकमुश्त पैसा मिल जाता है। हालांकि, मेडिकल खर्च, उच्च शिक्षा या घर खरीदने जैसी ज़रूरतों के लिए बीच में आंशिक निकासी भी की जा सकती है।
EPF में किया गया निवेश इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की छूट देता है। साथ ही, इसमें मिलने वाला ब्याज और मेच्योरिटी पर मिलने वाला पैसा भी कुछ शर्तों के तहत टैक्स-फ्री होता है।
EPF एक अनिवार्य योजना है जिसमें गारंटीड रिटर्न, टैक्स में छूट और नियोक्ता का योगदान शामिल है। यह योजना नौकरीपेशा लोगों के लिए एक मजबूत और भरोसेमंद रिटायरमेंट विकल्प है जो भविष्य में आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
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नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) एक सरकारी योजना है जिसे पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) द्वारा संचालित किया जाता है। यह एक स्वैच्छिक और दीर्घकालिक निवेश योजना है, जिसका उद्देश्य लोगों को अनुशासित तरीके से रिटायरमेंट के लिए पैसा इकट्ठा करने में मदद करना है। इस योजना का फायदा सैलरीड और स्वरोजगार करने वाले दोनों तरह के लोग उठा सकते हैं।
NPS में निवेश करने वाले व्यक्ति अपने पैसे को इक्विटी (शेयर बाजार), सरकारी सिक्योरिटीज और कॉर्पोरेट बॉन्ड्स में लगा सकते हैं। इस तरह के विविध पोर्टफोलियो से लंबे समय में अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना रहती है, खासकर इक्विटी में निवेश के कारण। हालांकि रिटर्न बाजार पर आधारित होते हैं और गारंटी नहीं होती, फिर भी अब तक के प्रदर्शन से यह योजना स्थिर लाभ देती आई है।
NPS में निवेश करने पर टैक्स में अच्छी खासी छूट मिलती है। सेक्शन 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की छूट मिलती है। इसके अलावा, सेक्शन 80CCD(1B) के तहत ₹50,000 की अतिरिक्त छूट भी मिलती है, जो 80C की सीमा से अलग होती है। इस वजह से NPS टैक्स बचाने के लिए सबसे प्रभावी योजनाओं में से एक है।
जब कोई व्यक्ति 60 साल की उम्र में रिटायर होता है, तब वह अपने जमा फंड का 60% हिस्सा टैक्स-फ्री निकाल सकता है। बाकी 40% से उसे एक एन्युइटी खरीदनी होती है, जिससे हर महीने नियमित पेंशन मिलती है। इसके अलावा कुछ खास परिस्थितियों में आंशिक निकासी की भी सुविधा होती है, जैसे मेडिकल इमरजेंसी, शादी या उच्च शिक्षा।
जो लोग कम खर्च में सुरक्षित और बैलेंस्ड रिटायरमेंट पोर्टफोलियो चाहते हैं, उनके लिए NPS एक बेहतरीन विकल्प है। इसमें बाजार से जुड़े रिटर्न की संभावना होती है, लेकिन जोखिम भी कम होता है। यह उन लोगों के लिए खास है जो भविष्य के लिए ज्यादा पैसा जोड़ने के लिए थोड़े बहुत जोखिम लेने को तैयार हैं।
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY) एक विशेष पेंशन योजना है, जो 60 साल और उससे ऊपर की उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए बनाई गई है। इसे भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया है और यह योजना एलआईसी (भारतीय जीवन बीमा निगम) के माध्यम से संचालित होती है। इसका उद्देश्य रिटायरमेंट के बाद नियमित और निश्चित आय देकर बुज़ुर्गों को वित्तीय सुरक्षा देना है, ताकि उन्हें शेयर बाजार की अस्थिरता से परेशानी न हो।
इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें 7.4% का निश्चित सालाना ब्याज मिलता है, जो 10 साल तक लगातार दिया जाता है। यह बुज़ुर्गों के लिए एक स्थिर और भरोसेमंद आय का जरिया बनता है, जो बाजार में उतार-चढ़ाव से परेशान नहीं होना चाहते।
इस योजना में हर व्यक्ति अधिकतम ₹15 लाख तक का निवेश कर सकता है। निवेश की रकम के आधार पर व्यक्ति पेंशन मासिक, तिमाही, छमाही या सालाना रूप में ले सकता है। इससे व्यक्ति अपने खर्च और ज़रूरतों के अनुसार पेंशन की योजना बना सकता है।
10 साल की पूरी अवधि खत्म होने पर निवेश की गई पूरी राशि (मूलधन) वापस मिल जाती है। अगर निवेशक की मृत्यु योजना की अवधि के दौरान हो जाती है, तो उसकी जमा राशि (खरीद मूल्य) उसके नॉमिनी को लौटा दी जाती है। इससे परिवार की आर्थिक सुरक्षा बनी रहती है।
PMVVY एक भरोसेमंद और कम जोखिम वाली पेंशन योजना है, जो उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए खास है जो रिटायरमेंट के बाद वित्तीय आत्मनिर्भरता बनाए रखना चाहते हैं।
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) भारत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली एक भरोसेमंद और फिक्स्ड इनकम स्कीम है, जो खासतौर पर 60 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए बनाई गई है। यह योजना पूंजी की सुरक्षा और नियमित आय दोनों का लाभ देती है, इसलिए यह उन लोगों के लिए आदर्श है जो बिना जोखिम के पेंशन जैसी आय चाहते हैं।
SCSS में फिलहाल 8.2% सालाना ब्याज मिलता है (वित्त मंत्रालय द्वारा हाल की तिमाही समीक्षा के अनुसार)। यह ब्याज दर फिक्स्ड इनकम स्कीम्स में सबसे अधिक मानी जाती है। ब्याज हर तीन महीने में खाते में जमा होता है, जिससे रिटायर लोगों को नियमित आय मिलती रहती है और वे अपने महीने के खर्च आसानी से चला सकते हैं।
इस योजना में एक व्यक्ति अधिकतम ₹30 लाख तक का निवेश कर सकता है। यह निवेश अकेले या अपने जीवनसाथी के साथ मिलकर भी किया जा सकता है। योजना की मूल अवधि 5 साल की होती है, जिसे एक बार 3 साल के लिए और बढ़ाया जा सकता है। इससे रिटायर लोग अपनी मीडियम से लॉन्ग टर्म जरूरतों के हिसाब से वित्तीय योजना बना सकते हैं।
SCSS में किया गया निवेश आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक टैक्स छूट के योग्य होता है। हालांकि, योजना से मिलने वाला ब्याज पूरी तरह टैक्सेबल होता है और तय सीमा से अधिक होने पर उस पर TDS भी कटता है।
जो लोग जोखिम से बचना चाहते हैं और रिटायरमेंट के बाद एक सुरक्षित, नियमित और निश्चित आय की तलाश में हैं, उनके लिए यह योजना एक बेहतरीन विकल्प है। यह स्कीम मानसिक शांति और आर्थिक स्थिरता दोनों देती है।
सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) भारत सरकार द्वारा समर्थित एक लोकप्रिय दीर्घकालिक बचत योजना है। यह उन लोगों के लिए आदर्श है जो एक सुरक्षित और स्थिर रिटर्न देने वाला निवेश चाहते हैं। यह योजना अनुशासित बचत को बढ़ावा देती है और रिटायरमेंट या लंबी अवधि के वित्तीय लक्ष्यों के लिए बहुत फायदेमंद है।
वर्तमान में PPF पर 7.1% सालाना ब्याज मिलता है, जो साल में एक बार कंपाउंड होता है। यह ब्याज दर सरकार द्वारा हर तिमाही में बदली जा सकती है, लेकिन फिर भी यह अन्य फिक्स्ड इनकम विकल्पों की तुलना में बेहतर मानी जाती है।
PPF की लॉक-इन अवधि 15 साल की होती है। इसके बाद इसे 5-5 साल के ब्लॉक में बढ़ाया जा सकता है। इसलिए यह योजना रिटायरमेंट, बच्चों की पढ़ाई या घर खरीदने जैसे दीर्घकालिक लक्ष्यों के लिए उपयुक्त है।
PPF में सालाना न्यूनतम ₹500 और अधिकतम ₹1.5 लाख तक निवेश किया जा सकता है। निवेश एक साथ (लंपसम) या साल में अधिकतम 12 किश्तों में किया जा सकता है, जिससे यह योजना सभी आय वर्ग के लिए सुविधाजनक बन जाती है।
PPF की सबसे बड़ी खासियत इसका EEE टैक्स स्टेटस है – यानी कि निवेश राशि, उस पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली पूरी रकम – तीनों पर कोई टैक्स नहीं लगता। यह इसे सबसे टैक्स-एफिशिएंट निवेश विकल्पों में से एक बनाता है।
हालांकि योजना में लंबी लॉक-इन अवधि होती है, लेकिन 7वें साल से आंशिक निकासी की सुविधा उपलब्ध है। साथ ही, 3 साल बाद लोन भी लिया जा सकता है। इससे ज़रूरत पड़ने पर कुछ हद तक पैसे की सुविधा मिलती है।
अटल पेंशन योजना (APY) भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही एक सामाजिक सुरक्षा योजना है, जो खासकर असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए बनाई गई है। ऐसे लोग अक्सर किसी औपचारिक पेंशन योजना से जुड़े नहीं होते। APY उन्हें रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा देता है। यह योजना पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) द्वारा संचालित की जाती है और कम आय वाले लोगों को लंबे समय तक बचत की आदत डालने के लिए प्रोत्साहित करती है।
इस योजना में लाभार्थी ₹1,000 से ₹5,000 तक की मासिक पेंशन का विकल्प चुन सकते हैं। पेंशन की राशि व्यक्ति की उम्र और उनके द्वारा किए गए मासिक योगदान पर निर्भर करती है। यह पेंशन 60 वर्ष की उम्र के बाद शुरू होती है और जीवनभर मिलती है, जिससे बुज़ुर्गावस्था में वित्तीय स्थिरता मिलती है।
इस योजना से जुड़ने के लिए व्यक्ति की आयु 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए। जितनी जल्दी कोई इस योजना में निवेश शुरू करता है, उतनी ही कम मासिक किस्त में अधिक पेंशन प्राप्त की जा सकती है।
सरकार योजना के तहत पहले 5 वर्षों तक सब्सक्राइबर के योगदान का 50% या ₹1,000 (जो भी कम हो) हर साल खुद देती है। यह सुविधा उन्हीं लोगों को मिलती है जो किसी अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना से नहीं जुड़े हैं और आयकरदाता नहीं हैं।
अगर किसी सब्सक्राइबर की मृत्यु हो जाती है, तो जमा हुई पूरी राशि उसके नामित व्यक्ति (नॉमिनी) को दी जाती है। यह योजना कमजोर आर्थिक वर्ग के लोगों को सुरक्षित भविष्य देने में अहम भूमिका निभाती है।
अधिल शेठ्टी, सीईओ, BankBazaar.com कहते हैं:
"रिटायरमेंट प्लान करते समय महंगाई को नजरअंदाज़ न करें क्योंकि यह आपकी बचत को धीरे-धीरे खत्म कर सकती है। FD, म्यूचुअल फंड, PPF और NPS जैसे विकल्पों में निवेश करके अपने पोर्टफोलियो को संतुलित रखें। हेल्थ इंश्योरेंस ज़रूर लें ताकि मेडिकल खर्चों में आपकी बचत न घटे। डिविडेंड, किराया या एन्युटी से स्थायी आय का स्रोत तैयार करें। जितनी जल्दी शुरुआत करेंगे, उतना फायदा होगा। नियमित निवेश करें और समय-समय पर पोर्टफोलियो की समीक्षा करते रहें।"
रिटायरमेंट के बाद का सुरक्षित जीवन अचानक नहीं बनता, इसके लिए समय से पहले योजना बनाना, अनुशासित बचत और समझदारी से निवेश करना ज़रूरी है। सरकार द्वारा संचालित योजनाएं सुरक्षित, टैक्स-फ्री और स्थिर रिटर्न देने का एक अच्छा जरिया हैं। चाहे आप नौकरीपेशा हों, स्वरोज़गार में हों या असंगठित क्षेत्र से हों—आपके लिए एक उपयुक्त योजना मौजूद है। जल्दी शुरुआत करें, निवेश में विविधता रखें और नियमित बचत से अपने सुनहरे वर्षों को आरामदायक बनाएं।