अटल जी अटल हैं देश के पटल पर

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25 Dec 2021
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एक बेहतर नेतृत्वकर्ता के रूप में याद किये जाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्मदिन पूरा देश मनाता है और पूरी दुनिया में जहाँ कहीं भी इनके चाहने वाले लोग मौजूद हैं, वे सभी इनका जन्मदिन celebrate करने में पीछे नहीं रहते। कहते हैं जग में जिसका काम है अच्छा नाम उसी का मुख पर डोले, ऐसे ही अटल साहब भी रहे हैं।

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दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है। 
मिल जाए तो मिट्टी है खो जाए तो सोना है।........ निदा फ़ाज़ली साहब 

यह कहने में कोई हिचकिचाहट hesitation नहीं होनी चाहिए कि अपने जीवन काल life cycle में अटल जी भी इसी ख्यालात और जज़्बात से परिपूर्ण शख़्सियत personality थे। वे भी अक्सर कहा करते थे कि हमें यह सोच कर जीवन जीना चाहिए कि हम सब महज़ अपने-अपने किरदार को निभा रहें हैं। कुछ भी पकड़ कर बैठ जाना मनुष्य की सबसे बड़ी भूल है, जो इस बात को समझ जाता है वही मनुष्य सामाजिक socialistic human और देश हित के प्रति कार्य कर सकने में सक्षम है। एक प्रधानमंत्री के तौर पर उनकी छवि ईमानदार और कुशल नेतृत्वकर्ता के रूप में रही है, जिसके चलते वर्तमान सरकार ने अटल जी के जन्मदिन को good governance day के रूप में मानाने का एलान किया है। 

एक बेहतर नेतृत्वकर्ता leadership के रूप में याद किये जाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी Atal bihari vajpayee जी का जन्मदिन birthday पूरा देश मनाता है और पूरी दुनिया में जहाँ कहीं भी इनके चाहने वाले लोग मौजूद हैं, वे सभी इनका जन्मदिन celebrate करने में पीछे नहीं रहते। कहते हैं जग में जिसका काम है अच्छा नाम उसी का मुख पर डोले, ऐसे ही अटल साहब भी रहे हैं। अपने जीवन काल में उन्होंने देशहित में कई बड़े-बड़े काम किये, आइये उनके जन्मदिन पर कुछ उनसे जुड़ी बातें करते हैं।

जीवन असीम संभावनाओं का उपहार है infinite opportunities 

जब कभी हम उनके व्यक्तित्व को देखते हैं तो यूँ लगता है कि दलदल में रहकर भी कमल lotus खिलता है, ये कुदरत का एक बेहतरीन करिश्मा great charisma है। लोग हमेशा से ही राजनीति politics को दलदल से ऊपर उठ कर नहीं सोच पाए, लोगों का आज भी यही मानना है कि राजनीति एक गहरा कुआँ हैं, जहाँ पर आवाज़ जाती तो हैं मगर वापस नहीं लौटा करती। परन्तु राजनीति की रूप रेखा कुछ ही लोगों ने सवारी है, अटल जी का नाम उन्हीं कुछ गिने-चुने लोगों में लिया जाना हमारे लिए बड़े फ़क्र की बात है। अटल जी ऐसी शख्सियत रहे हैं जो राजनीति को जीने और पैसा कमाने नहीं आये थे, अपितु जनता की भलाई और देश के उज्जवल भविष्य bright future की दिशा बदलने के के लिए राजनीति में उतरे थे। जैसी उनकी उपमा दी गयी है अपने समय उन्होंने वैसा ही कर भी दिखाया था और आज के समय में वे इस देश का कमल हैं। उनका मानना था कि जीवन में हर एक परत में असीम सम्भावनायें हैं। जरूरी नहीं जो काम लोगों को बुरा लगता हो उसको ठीक नहीं किया जा सकता अपितु कोई भी काम गलत न हो कर गलत बनाया जाना ही उस काम में छुपी संभावनाओं को मार देता है। अटल जी ने उसके विपरीत किया और राजीनीति का रूप बदल दिया। 

जीवन से जुड़ी कुछ बातें 

अटल जी के पिता, उत्तर प्रदेश की ताज नगरी आगरा Agra के एक प्राचीन स्थान जिसका नाम बटेश्वर है वहीँ के मूल निवासी पण्डित कृष्ण बिहारी वाजपेयी मध्य प्रदेश की ग्वालियर Gwalior रियासत में अध्यापक हुआ करते थे और माता सहधर्मिणी कृष्णा वाजपेयी थी जिनकी कोख से अटल जी का जन्म शिन्दे की छावनी में 25 दिसंबर 1924 को हुआ। वयस्क अवस्था में उन्होंने B.A, M.A और फिर वक़ालत की पढ़ाई कर पिता के साथ काम करना शुरू कर दिया। कुछ समय बीतने के बाद उन्होंने वकालत छोड़ कर संघ के कार्य में अपना जीवन सौंप डाला धीरे-धीरे वे कब राष्ट्रव्यापी नेता national leader बन गए पता ही नहीं चला। 2015 में उनको उनके द्वारा किये गए भारत के चहुमुखी विकास all round development हेतु योगदान तथा असाधारण कार्यों के लिये उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। 

लेखन के प्रति सक्रियता

अटल जी पढ़ने के साथ-साथ लिखना भी काफी पसंद करते थे उनका मनना था कि ईश्वर ने मुझे लिखने की जो शक्ति दी है, इसके द्वारा में अपने जीवन के हास्य, दुःख, कुंठा को व्यक्त कर सकने में सक्षम हूँ। हमारा भी मानना है कि जब आप लिख लेते हैं, तो ज़रा दिल हल्का हो जाता है। अटल जी का एक किस्सा बहुत मशहूर है, इमरजेंसी के दौरान जेल में अटल जी की तबियत बिगड़ जाने पर उनको AIIMS में भर्ती कराया गया। उनका कहना था कि जिस कमरे में वे भर्ती थे उसके बगल वाले कमरे से बड़े रोने की आवाज़ आती थी, लोगों द्वारा पूछने पे पता चला कि हर रोज़ कोई न कोई यहाँ अपने परिजन को खोता ही रहता है इतना सुनने के बाद अटल जी ने वहीँ अपने पास रखे कागज़ कलम को उठा कर एक कविता लिख डाली जिसके शब्द कुछ इस प्रकार हैं-- 

दूर कहीं कोई रोता है 
तन पर पहरा, भटक रहा मन 
साथी है केवल सूनापन
बिछड़ गया क्या स्वजन किसी का 
क्रंदन सदा करुण होता है 

अटल जी के जन्म दिवस पर उनके जीवन से क्या सीख लें

यूँ तो महान लोगों के जीवन से प्रेरित होकर आप सुबह से लेके शाम तक हर एक छोटी छोटी चीजें सीख सकते हैं और अमल कर उनको अपने जीवन में उतार सकते हैं। महानता कोई पैदा होते ही नहीं आ जाती परन्तु समय बीतते-बीतते एक शिशु कब दुनिया की महान शख्सियत बन कर उभरता है, कहने का मतलब है कि आपके अच्छे कर्म जो दुनिया को कुछ बेहतर दे पाएं, वही असल में एक महान इंसान के रूप में गिना जाता है जैसे कि अटल जी। अटल जी से क्या-क्या नहीं सीखा जा सकता उनके व्यक्तित्व में देश प्रेम की भावना को सीखा जा सकता है, समाज के प्रति सामाजिक कर्तव्यों का आवाहन सीखा जा सकता है और न जाने कितने ही तमाम ख्यालातों को आप बेपर्दा कर सकते हैं उनके विचारों को पढ़कर, उनकी कविताओं में गोते लगा उसमें डूबी गहरीयों से जीवन का पाठ लिया जा सकता है।उनकी कुछ पंक्तियाँ ज़हन में आती हैं -

क्या खोया क्या पाया जग में
मिलते और बिछते मग में
मुझे किसी से नहीं शिकायत
यद्पि छला गया पग में...

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