उम्मीद भी कैसा भाग्य लेकर आयी है

3712
23 Oct 2021
3 min read

Post Highlight

उम्मीद हमेशा उन्हीं लोगों से की जाती है जो या तो अपने हों या फिर हमें यह विश्वास हो कि हमें सामने वाले से मदद मिल जाएगी। यदि हम इसमें सक्षम हैं कि हम सामने वाले की उम्मीद बन रहे हैं तो हमें इस बात पर गर्व करना चाहिए।

Podcast

Continue Reading..

उम्मीद भी ना जाने कौन सा भाग्य लेकर इस दुनिया में है,

   कभी भी, किसी के भी संग जुड़ जाती है,

पर कौन-कौन इसे अपनाएगा,

  इसकी खबर इसको कहाँ रहती है। 

    कभी इस डगर से गुजरती;

  कभी उस कूचे की बटोही बनती,

    कभी इस खिड़की से झांकती;

 कभी उस घर में बसेरा करती,

इसका ठौर-ठिकाना है भी या नहीं?

  ढूंढती रहती है प्रबंध, पर कौन जुड़े?

     कौन कहे, तुम रह सकती हो मेरे घर,

मैं रखूं तुम्हें संभल, पूरे करूँ हर ख़्याल। 

  कहे कोई रोककर तुमसे;

आओ थोड़ा आराम करो,

   मन की दौड़ को अभी थोड़ा शांत करो। 

       ढाढस दे अमुक;

 रुको अब' अपनी महिमा को नाम दो,

मैं समझती हूँ तुम्हें;

उन्हीं आशियानों को तुम तकती हो,

  दिल से रिश्ते का धागा जिनसे तुम बांधती हो। 

तुम नहीं कोई सरफिरी मुसाफिर हो, तुम नहीं कोई सरफिरी मुसाफिर हो। 

उम्मीद चलो तुम यूँ ही, हर पहर, हर डगर, हर शहर,

   आशा का लिए मन में एक वृहद् शज़र। 

TWN In-Focus