हिन्दी

7431
14 Sep 2021
3 min read

Post Highlight

हिन्दी, हाँ यही हिन्दी जो हमारी राष्ट्रीय भाषा है, कहीं गुम होती नज़र आ रही है। हिन्दी हमारी संस्कृति और सभ्यता का प्रतीक है। यह महज़ एक भाषा नहीं हम सब देशवासियों के लिए अपने भाव व्यक्त करने का अनूठा प्रेम है। हम हिन्दुस्तानी हैं हमको हिंदी बोलने में गर्व महसूस करना चाहिए। कवि अपनी रचना से आपको यही सन्देश देना चाहता है कि आप और भी भाषाएँ सीखिए मगर हिन्दी को मत भूलिए। 

Podcast

Continue Reading..

आन भी हिन्दी, शान भी हिन्दी
हिन्दोस्तां की जान भी हिन्दी
है गर्व मुझे इस भाषा पर,
है मेरी पहचान भी हिन्दी....

भावों का स्पर्श है, हिन्दी
जीवन का आदर्श है, हिन्दी
अब तक जिया जिसके दम पर,
सब कर्मों का निष्कर्ष है, हिन्दी....

मेरे शब्दों में सवार है हिन्दी
मेरा तो अधिकार है हिन्दी
हर दिल के सुकून में हिन्दी,
हम सबके है खून में हिन्दी...

विश्व में तीसरा नाम है, हिन्दी
खुद में ही आवाम है, हिन्दी
न रही कभी गुलाम है, हिन्दी,
तो फिर क्यों गुमनाम है, हिन्दी ...?

जब तक मैं हूं तब तक हिन्दी
धरा से लेकर नभ तक हिन्दी
हम सबकी बस यह कोशिश है,
पहुंचे घर - घर सब तक हिन्दी...

TWN Special