क्या, किताबें पढ़ने का समय नहीं है?

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12 Oct 2021
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आज हमारे पास सोशल मीडिया के लिए तो समय है लेकिन जब कोई किताबें पढ़ने के लिए बोलता है तो हमारा जवाब होता है, मेरे पास समय नहीं है। क्या आपको पता है कि जब दुनिया के सभी अमीर और सफल व्यक्तियों की दिनचर्या को देखा गया तो सबकी दिनचर्या में कौन सी बात सामान्य थी? दुनिया के सभी अमीर व्यक्तियों को किताबें पढ़ने का शौक था।

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अक्सर आपने लोगों को कहते हुए सुना होगा कि अगर जीवन में एक सफल और बेहतर इंसान बनना है तो किताबें पढ़ना शुरू करो, किताबों को अपना सबसे अच्छा दोस्त बनाओ, अपना ज्यादा से ज्यादा समय ज्ञान प्राप्त करने में बिताओ आदि। इस पर हमारा जवाब होता है कि 489 पृष्ठ की किताब पढ़ने के बजाय हम उस किताब पर बनी फ़िल्म देख सकते हैं, ऑडियो बुक सुन सकते हैं और विभिन्न जगहों पर किताबों के सारांश पर बना वीडियो देख सकते हैं। 

आज ऐसे कई लोग हैं जिन्हें यह लगता है कि उनके पास किताबें पढ़ने का समय नहीं है और इसीलिए वे किताबों पर बनी फ़िल्म, ऑडियोबुक और सारांश को ज्यादा प्राथमिकता देते हैं। आज की दुनिया में हमारे पास नेटफ्लिक्स की ब्लॉकबस्टर फिल्में देखने के लिए समय है, हम दिन-रात अपना समय सोशल मीडिया साइट्स पर बिताते हैं, तब भी हमारे पास समय है, वेब सीरीज के एक सीजन को हम एक दिन में खत्म कर देते हैं, उसके लिए भी हमारे पास समय है लेकिन जब कोई किताबें पढ़ने की बात करता है तो हमारा जवाब होता है कि मेरे पास तो समय ही नहीं है।

क्या आपको पता है कि जब दुनिया के सभी अमीर और सफल व्यक्तियों की दिनचर्या को देखा गया तो सबकी दिनचर्या में कौन सी बात सामान्य थी? दुनिया के सभी अमीर व्यक्तियों को किताबें पढ़ने का शौक था। 

आपने स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क का नाम तो जरूर सुना होगा। आज भी जब कोई एलन मस्क से पूछता है कि आपने रॉकेट बनाना कैसे सीखा, आपकी सफलता का राज़ क्या है, आप इतनी मेहनत कैसे कर लेते हैं, तो उनका एक सीधा सा जवाब होता है कि " मैं किताबें पढ़ता हूं। "

हम सभी के पास 24 घंटे होते हैं। उसमें से 7 से 8 घंटे की नींद, 8 से 9 घंटे आप काम करने में और 2 घंटे आप खुद के लिए निकालते हैं। अब आप बताइए कि बचे हुए 5 घंटे आप कैसे बिताते हैं? कई शोध में यह बताया गया है कि बचे हुए 5 घंटे को लोग सोशल मीडिया पर बिताते हैं। जबकि सारे सफल व्यक्ति इस समय को नई-नई जानकारी लेने में बिताते हैं। वह अपने स्मार्टफोन को दूर रखते हैं और अपनी किताबों में लीन हो जाते हैं।

एक अध्ययन के मुताबिक जो लोग दिन भर में सिर्फ 30 मिनट के लिए किताबें पढ़ते हैं, वे किताबें ना पढ़ने वाले लोगों की तुलना में अधिक सफल होते हैं। ऐसे लोगों की आगे बढ़ने की संभावना, किताबें ना पढ़ने वाले लोगों से 23 प्रतिशत ज्यादा होती है। 

जैसे अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हम विभिन्न तरीके के व्यायाम करते हैं, ठीक उसी तरह अपने दिमाग के व्यायाम के लिए किताबें पढ़ना सबसे सही उपाय है। यहां तक की अगर आपको तनाव कम करना है तो किताबें पढ़ना शुरू कर दीजिए। वैज्ञानिक बताते हैं कि तनाव कम करने के लिए चाय और कॉफी लेने से अच्छा है कि आप बस 10 मिनट के लिए कोई किताब पढ़ लीजिए। किताबें पढ़ने से आपके मानसिक स्वास्थ में सुधार आता है और तनाव कम होता है और साथ ही साथ आपके संचार कौशल में भी सुधार होता है।

तो आप किताबें पढ़ना कब से शुरू कर रहे हैं? 

क्या अब भी आप यही कहेंगे कि आपके पास किताबें पढ़ने का समय नहीं है?

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