खुद से बात करना क्यों ज़रूरी है?

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01 Feb 2022
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ज़रूरी नहीं है कि हर समस्या का समाधान आपको दूसरों के पास जाकर ही मिले। पहले आपको खुद से बात करनी चाहिए ताकि आपका स्ट्रेस लेवल stress level कम हो और आपका कॉन्फिडेंस confidence बढ़े।

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शायद ही कोई ऐसा होगा जिसने स्ट्रेस और एंजायटी कभी महसूस नहीं की होगी। स्ट्रेस और एंजायटी stress and anxiety की वजह से हमारी मेंटल हेल्थ mental health पर बुरा प्रभाव पड़ता है इसीलिए ऐसे समय में हमें खुद को हैंडल करना आना चाहिए। जब आप नर्वस हों तो किसी और से बात करने से पहले खुद से ये कहें कि आप बहुत स्मार्ट हैं और अपनी मेहनत के दम पर आप वह सब कुछ हासिल कर सकते हैं, जो आप चाहते हैं। ज़रूरी नहीं है कि हर समस्या का समाधान आपको दूसरों के पास जाकर ही मिले। पहले आपको खुद से बात करनी चाहिए ताकि आपका स्ट्रेस लेवल stress level कम हो और आपका कॉन्फिडेंस confidence बढ़े। 

आप कभी ना कभी किसी ऐसे व्यक्ति से तो ज़रूर मिले होंगे जो स्ट्रेस होने पर खुद से जोर-जोर से बात करते हैं और खुद को समझाते हैं कि जो काम वह करने जा रहे हैं वह आसान है और उसमें उन्हीं की जीत होगी। आइए जानते हैं कि हम सभी खुद से बात करना क्यों ज़रूरी है benefits of talking to yourself

1. आपके विचारों को शब्द मिलेंगे Your thoughts become your words

हमें हमेशा से यह सिखाया जाता है कि अपने गोल्स को लिखो, आप खुद से क्या चाहते हैं, वह सब लिखो। ऐसा इसीलिए कहा जाता है क्योंकि जब हम चीज़ों को बोल देते हैं या उन्हें लिखते हैं, तो उससे हमारे विचारों को क्लैरिटी मिलती है और हमें हमारे विचार और अच्छे से पता चलते हैं। हमें पता चलता है कि हमारी खुद से क्या क्या उम्मीदें हैं।

2. आप ज्यादा प्रोडक्टिव महसूस करेंगे You will feel more productive

विचारों को क्लैरिटी मिलने पर आप कॉन्फिडेंट महसूस करते हैं कि आपको क्या करना है। जब आपका काम में मन लगता है तो आप उस काम को और बेहतर तरीके से करते हैं।

3. आपका आत्मविश्वास बढ़ता है Increased confidence

जब आप खुद से बात करते हैं तो आप बेहद कांफिडेंट फील करते हैं। आपको लगता है कि आप जिस चीज़ को समय देंगे उसे आप अच्छे से कर लेंगे। आपको खुद को और अच्छे से जान पाते हैं कि आपको क्या करना है इसीलिए समय बर्बाद करने की जगह आप काम करने में जुट जाते हैं।

4. स्ट्रेस लेवल को कम करने में मदद मिलती है Reduced stress

हमारे भीतर के डर को कम करने के लिए और स्ट्रेस लेवल और एंजायटी को कम करने के लिए खुद से बात करना बेहद प्रभावी होता है। खुद से बात करने से आपका दिमाग शांत रहता है और आप हर परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं। खुद से बात करने पर आप खुद के सबसे अच्छे दोस्त बन जाते हैं। जाहिर सी बात है कि आप कई लोगों के सामने खुद से बात नहीं कर सकते, इसीलिए खुद से बात करने का सबसे अच्छा तरीका है शीशे के सामने खड़े हो जाना और जो मन में आए, उसे कह देना। 

कई शोध से यह पता चलता है कि जो लोग खुद से बात करते हैं, उनकी याददाश्त अच्छी रहती है और वह काम के प्रति फोकस्ड रहते हैं। जाहिर सी बात है कि अगर आपने अब तक ऐसा कभी नहीं किया है, तो शुरुआत में आपको थोड़ा सा अज़ीब लगेगा लेकिन कुछ ही समय में आप खुद के सबसे अच्छे दोस्त बन जाएंगे।

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