टिशू पेपर जिन्हें पेपर नैपकिन या डिस्पोजेबल नेपकिन भी कहा जाता है आजकल दुनिया भर में यह घर-घर में और अन्य जगहों पर पाया जाने वाला एक जरूरी पदार्थ है। सारी अच्छाइयों के बावजूद भी यह पेपर नैपकिन किस तरह से लोगों को फायदा और नुकसान दोनों पहुंचाता है इसके बारे में हम आज बात करने वाले हैं।
टिशू पेपर जिन्हें पेपर नैपकिन या डिस्पोजेबल नैपकिन भी कहा जाता है। आजकल दुनिया भर में यह घर-घर में और अन्य जगहों पर पाया जाने वाला एक जरूरी पदार्थ है। सब स्वच्छता के अनुसार देखा जाए तो यह साफ-सफाई के लिए एक उपयोगी विकल्प है यह बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाता है। जिसके व्यापार में जोर-शोर से बढ़ोतरी हो रही है। यह पेपर नैपकिन एक बार इस्तेमाल के बाद खराब हो जाते हैं।
अगर इनके बनाने के प्रकार को देखा जाए तो यह कई तरह से बनाए जाते हैं कुछ टिशू पेपर ऐसे रॉ मटेरियल से बनाए जाते हैं जिसको फिर से रिसाइकल कर दूसरे पदार्थ भी बनाए जा सकते हैं और यह वातावरण को नुकसान भी नहीं पहुंचाते। यह व्यवसाय, भारत में काफी तेजी से बढ़ रहा है और भारत के कई इलाकों में इसका व्यवसाय होने लगा है अब तो छोटे-छोटे शहरों में भी कंपनियां बन चुकी हैं, जो इस व्यवसाय को लोगों तक पहुंचाने में काफी मदद कर रही हैं। इन सब अच्छाइयों के बावजूद भी यह पेपर नैपकिन किस तरह से लोगों को फायदा और नुकसान दोनों पहुंचाता है इसके बारे में हम आज बात करने वाले हैं।
टिशू पेपर स्वच्छता का ख्याल रखने के लिए एक बेहतर विकल्प है। जब आप सफर करते हैं या कहीं बाहर जाते हैं तो आप कई बार भारी सामान ले जाने से कतराते हैं इस मौके पर टिशू पेपर आप की साफ-सफाई और हाथ, पैर पोंछने के लिए या मुंह पोंछने के आपको हल्का विकल्प देता है। यह काफी हल्का होता है और इसका इस्तेमाल करना काफी आसान होता है।
टिशू पेपर के कम वजनी होने के कारण इसे कहीं भी ले जाना आसान है, जिसकी मदद से आप इसे कहीं भी अपने पास रख सकते हैं इसे आप जेब में लेकर भी घूम सकते हैं। अगर आप इसका इस्तेमाल करते हैं तो आप किसी भी बीमारी को फैलने से बचा सकते हैं जब यह आपके पास होता है तो आप कहीं ना कहीं इसका इस्तेमाल कर बीमारियों से बच सकते हैं।
टिशू पेपर को हम सजावट के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं। टिशू पेपर रंग-बिरंगे भी होते हैं, जिसकी मदद से हम सजावट के लिए भी इसको इस्तेमाल कर सकते हैं। टिशू पेपर बनाने की विधि में कई बार रॉ मटेरियल से आप ऐसा पेपर भी बना सकते हैं, जिससे अब गिफ्ट पैक कर सकें और यह डेकोरेशन में काफी काम आता है। कई पार्टीज, या इवेंट्स में भी इसका इस्तेमाल कर सजावट की जाती है।
देश और विदेश में कई व्यापारियों द्वारा इको फ्रेंडली टिशू पेपर भी बनाया जाता है और यह डिशू पेपर कोई नुकसान नहीं पहुंचाता। इस तरह का टिशू पेपर इस्तेमाल करना हमेशा एक फायदे का सौदा है। यह टिशू पेपर इको फ्रेंडली होते हैं और प्रकृति को नुकसान नहीं पहुंचाते।
इसके अलावा बाजार में कई तरह के और भी टिशू पेपर मौजूद हैं। इकोफ्रेंडली होने के साथ-साथ वह आपके शरीर पर भी कोई नुकसान नहीं पहुंचाते। कई बार कुछ टिशू पेपर आपके शरीर पर किसी तरह के निशान या बीमारी होने के लक्षणों को पैदा कर सकते हैं। लेकिन नई तकनीक से बने टिशू पेपर बिना साइड इफेक्ट के होते हैं। जिनका शरीर पर कोई असर नहीं होता।
टिशू पेपर को बनाने के लिए पेपर का इस्तेमाल होता है और आप यह पूरी तरह जानते हैं कि पेपर को बनाने के लिए पेड़ की जरूरत होती है। पेड़ को काटकर कागज बनाया जाता है। इस कागज के इस्तेमाल से टिशू पेपर को बनाया जाता है। जब देश में पेड़ों को काटकर कागज बनाया जाएगा और इससे टिशू पेपर बनेंगे तो सोचिए वनों को कितना नुकसान होगा? इस पूरी प्रणाली से वातावरण को भयंकर नुकसान होता है, लेकिन फिर भी हम इसका इस्तेमाल करते हैं।
टिशू पेपर पर अगर पानी गिर जाए या गीला हो जाए तो यह बर्बाद हो जाता है इसका इस्तेमाल आप नहीं कर सकते, इसी तरह कई बार इसकी बर्बादी भी सामने आती है। इतनी मुश्किल से उगने वाले पेड़ों को काटकर बनने वाला टिशू पेपर अगर बर्बाद होगा तो कितना नुकसान होगा इसका अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं।
कई खूबसूरत टिशू पेपर काफी महंगे आते हैं, जिसके चलते इस पर काफी खर्चा होता है। अगर आप इन खर्चों को दूसरे किसी काम में लगाएंगे तो आपको ज्यादा फायदा होगा।
टिशू पेपर अगर जल जाए, तो इससे बेहद खतरनाक गैसेस निकलती हैं और यह गैस पर्यावरण के साथ-साथ आसपास मौजूद लोगों को भी नुकसान पहुंचा सकती है इसलिए इसका उपयोग और इसे जलाने को लेकर चेतावनी और एहतियात बरतनी चाहिए।
यहां हमने टिशू पेपर से जुड़ी अच्छाइयों और बुराइयों को लेकर बात की जहां हमने देखा कि यह फायदे और नुकसान दोनों का सौदा है, तो इसे कृपया करके इस तरह इस्तेमाल करें कि यह पर्यावरण और लोगों को नुकसान ना पहुंचाए।